राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने यूपी के लखीमपुर के प्रकरण में जयपुर में राजभवन के बाहर मौन अनशन किया।

सरकार का लखीमपुर पर मौन अनशन:
एक ओर राजस्थान में कॉलेज छात्रा से गैंगरेप, दलित युवक की मॉब लिचिंग जैसी वारदातें हो रही हैं तो दूसरी ओर सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी उत्तर प्रदेश के लखीमपुर की घटना के विरोध में मौन अनशन कर रही है। 11 अक्टूबर को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के नेतृत्व में जयपुर स्थित राजभवन (राज्यपाल कलराज मिश्र का सरकारी आवास) के बाहर कांग्रेस के पदाधिकारियों ने मौन अनशन किया। इस अनशन में अशोक गहलोत सरकार के अधिकांश मंत्री भी शामिल हुए। टेंट में भले ही कांग्रेस के नेता और मंत्री चुप रहे हों, लेकिन टेंट के बाहर नेताओं और मंत्रियों ने लखीमपुर की घटना के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जमकर आलोचना की। किसी ने भी अपने प्रदेश के गैंगरेप और मॉब लिंचिंग की घटना पर एक शब्द भी नहीं कहा। यानी राज्य सरकार की नजर में कुचामन और हनुमानगढ़ की आपराधिक घटनाएं कोई मायने नहीं रखती है। सरकार के ऐसे रुख के कारण ही आदतन अपराधी इकबाल उर्फ भाणु गैंगरेप जैसी वारदातें करते हैं।