अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस पर शिक्षा विभाग का विशेष कार्यक्रम शिक्षा मंत्री डोटासरा बोले आज बालिकाएं हर क्षेत्र में अव्वल ओलंपिक पदक विजेता अवनि लेखरा व अंतर्राष्ट्रीय पर्वतारोही तुलसी मीणा को किया गया सम्मानित

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अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस पर शिक्षा विभाग का विशेष कार्यक्रमशिक्षा मंत्री डोटासरा बोले आज बालिकाएं हर क्षेत्र में अव्वलओलंपिक पदक विजेता अवनि लेखरा व अंतर्राष्ट्रीय पर्वतारोही तुलसी मीणा को किया गया सम्मानितजयपुर, 11 अक्टूबर। अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के उपलक्ष्य में सोमवार को ओटीएस में शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षा राज्य मंत्री श्री गोविंद सिंह डोटासरा की अध्यक्षता में विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के प्रारंभ में राज्य के विभिन्न राजकीय स्कूलों की छात्राओं द्वारा नवांकुर भेंट कर सभी अतिथि गणों का स्वागत किया गया। कार्यक्रम में ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता शूटर अवनि लेखरा व अंतर्राष्ट्रीय पर्वतारोही तुलसी मीणा व साइबर फाउंडेशन के संस्थापक मेजर विनीत कुमार को सम्मानित किया गया। डिजिटल युग हमारा युग की थीम पर आधारित इस कार्यक्रम में अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री पवन कुमार गोयल, समग्र शिक्षा के राज्य परियोजना निदेशक डॉ. भंवर लाल सहित विभाग के सभी आला अधिकारी उपस्थित रहे।      शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने अपने सम्बोधन में कहा कि जहां एक समय पर भेदभाव के चलते समाज बेटी की शिक्षा की ज्यादा चिंता नहीं करता था वही आज बेटियां परिस्थितियों से जूझकर सभी क्षेत्रों में आगे बढ़ रही है तथा निरंतर नया इतिहास रच रही है। हर क्षेत्र में घृणित सोच को तोड़ते हुए बालिकाओं ने अपने प्रतिभा का लोहा मनवाया है। राज्य सरकार गार्गी पुरस्कार, इंदिरा प्रियदर्शनी, आपकी बेटी योजना, केजीबीवी विद्यालयों, विभिन्न भत्तों, लैपटॉप, साइकिल वितरण आदि सरकारी योजनाओं के माध्यम से निरंतर बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित कर रही है। समाज निर्माण में महिलाओं की बड़ी भूमिका है तथा बच्चों को सफलता की ओर अग्रसर करने में मां का रोल ज्यादा महत्वपूर्ण होता है। भेदभाव की मानसिकता को समाप्त करने तथा लोकतांत्रिक ढांचे में महिलाओं को उचित प्रतिनिधित्व देने की सोच के साथ ही स्वर्गीय राजीव गांधी ने महिलाओं हेतु पंचायत राज व ग्राम पंचायतों में आरक्षण की शुरुआत की थी। श्री डोटासरा ने कहा की मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु किसी भी क्षेत्र में 11वीं और 12वीं में 500 से ज्यादा लड़कियां होने पर कॉलेज खोले जाने की घोषणा बालिका शिक्षा के उत्थान में मील का पत्थर साबित होगी। साथ ही श्री डोटासरा ने विपक्ष द्वारा हाल ही में आयोजित रीट भर्ती परीक्षा की प्रक्रिया पर अपनाए गए आक्रामक रुख को दुर्भाग्यपूर्ण बताया बताते हुए कहा इस तरह गुमराह करके बच्चों के भविष्य का नुकसान करने का प्रयास किया जा रहा है।                     अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री पवन कुमार गोयल ने अपने उदबोधन में कहा कि साक्षरता व ज्ञान के माध्यम से ही महिला सशक्तिकरण का मार्ग प्रशस्त करना संभव है। राज्य में महिला और पुरुष साक्षरता दर के बीच का अंतर पाटना आवश्यक है। श्री गोयल ने कहा की महिलाओं में प्रतिभा व इच्छाशक्ति की कोई कमी नहीं है तथा समान अवसर उपलब्ध होने पर वे सभी क्षेत्रों में पुरुषों से आगे बढ़ने की योग्यता रखती है। उन्होंने कहा कि अभिभावकों को भेदभाव समाप्त करते हुए बेटियों की शिक्षा पर ध्यान देना चाहिए तथा साथ ही बेटियों को अपनी सुरक्षा के प्रति जागरूक करना चाहिए। गर्भ में भ्रूण के आकार लेने से लेकर शिक्षा प्राप्त करने तथा करिअर बनाने तक बेटियों को कदम कदम पर संघर्ष करना पड़ता है। समय के साथ समाज व सरकार के प्रयासों से इन संघर्षों की विकरालता में कमी आई है परंतु इनके पूर्ण रूप से उन्मूलन हेतु अभी और कार्य करने की आवश्यकता है। बेटियों को हर क्षेत्र में समान अवसर मिलने पर ही समाज आगे बढ़ेगा। समग्र शिक्षा के राज्य परियोजना निदेशक डॉ. भंवरलाल ने अपने संबोधन में कहा की अंतराष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने का उद्देश्य बालिका सशक्तिकरण व उन्नयन हेतु विभिन्न स्तरों पर किए जा रहे प्रयासों की तरफ ध्यान आकर्षण करना है।              सुश्री लेखरा ने अपने उदबोधन में कहा की सभी अभिभावकों को बच्चों को समान परवरिश व अवसर देने चाहिए। राज्य के विभिन्न स्कूलों से आई बालिकाओं को संबोधित करते हुए सुश्री लेखरा ने कहा की कोई भी आपकी सहमति के बिना आपको कमतर महसूस नहीं करवा सकता है तथा सभी लड़कियां विश्व पर राज करने का होंसला रखती हैं। सुश्री लेखरा ने कार्यक्रम की थीम की प्रशंसा करते हुए कहा की आज के समय में डिजिटल शिक्षा बहुत प्रासंगिक है। उन्होंने ओलंपिक गोल्ड मेडल तक की अपनी यात्रा में राज्य सरकार द्वारा दिए गए सहयोग व प्रोत्साहन हेतु धन्यवाद ज्ञापित किया। वहीं साइबर पीस फाउंडेशन के मेजर विनीत कुमार ने अपने अभिभाषण में बताया की राज्य में डिजिटल शक्ति कार्यक्रम के माध्यम से साइबर स्पेस में महिलाओं का सशक्तिकरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा की राजस्थान ऎसा पहला राज्य है जो बड़े स्तर पर साइबर सुरक्षा को डिजिटल शिक्षा के साथ इंटीग्रेट कर रहा है।      कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न राजकीय विद्यालयों से आई छात्राओं ने सरस्वती वंदना, सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा आत्मरक्षा तकनीकों का रोचक प्रस्तुतीकरण किया। महिला सुरक्षा सुरक्षा तकनीकों पर आधारित दो पुस्तिकाओं का भी विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया।—-