एसीएस एनर्जी डॉ. अग्रवाल की गुरुवार को दिल्ली में उर्जा सचिव से चर्चा- तापीय विद्युत गृहों की तीन इकाइयाें में 1455 मेगावाट विद्युत उत्पादन बढ़ा, आमनागरिकों से विद्युत बचत की अपील -विद्युत उत्पादन व कोयले की रैक आपूर्ति बढ़ाने के प्रयासों में तेजी

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एसीएस एनर्जी डॉ. अग्रवाल की गुरुवार को दिल्ली में उर्जा सचिव से चर्चा-तापीय विद्युत गृहों की तीन इकाइयाें में 1455 मेगावाट विद्युत उत्पादन बढ़ा,आमनागरिकों से विद्युत बचत की अपील-विद्युत उत्पादन व कोयले की रैक आपूर्ति बढ़ाने के प्रयासों में तेजीजयपुर, 14 अक्टूबर। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की मोनेटरिंग व निर्देशों से राज्य में पिछले सात दिनों में तीन तापीय विद्युत गृहों की इकाइयों में बिजली का उत्पादन शुरु कराकर 1455 मेगावाट विद्युत उत्पादन बढ़ाया गया है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के निर्देशों से दिल्ली गए अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने गुरुवार को केन्द्रीय उर्जा सचिव श्री आलोक कुमार के साथ बैठक कर विस्तार से चर्चा की है। अतिरिक्त मुख्य सचिव एनर्जी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि केन्द्रीय उर्जा सचिव श्री आलोक कुमार ने कोयले की आपूर्ति में कमी की पूर्ति करने का विश्वास दिलाया है। केन्द्रीय उर्जा सचिव ने चर्चा के दौरान बताया कि कोल इंडिया की अनुषंगी इकाई एसईसीए क्षेत्र में श्रमिकों के दुर्गा पूजा त्यौहार के कारण अवकाश पर जाने से रैक का डिस्पेच प्रभावित हुआ है जिसकी दो तीन दिन में ही पूर्ति कर दी जाएगी।एसीएस एनर्जी डॉ. अग्रवाल ने बताया कि दिल्ली प्रवास के दौरान केन्द्रीय कोयला सचिव श्री अनिल जैन, केन्द्रीय पर्यावरण सचिव श्री आरपी गुप्ता व गुरुवार को केन्द्रीय उर्जा सचिव श्री आलोक कुमार के साथ विद्युत संकट, कोयला की आपूर्ति और राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम और अड़ानी के संयुक्त उपक्रम परसा ईस्ट एवं कांता बासन की द्वितीय चरण वन भूमि 1136 हैक्टेयर के हस्तांतरण सहित विभिन्न मुद्दों पर सकारात्मक विचार विमर्श हुआ है और कोयला रैक डिस्पेच बढ़ाने, आपूर्ति में सुधार के लिए आश्वस्त किया है। परसा कोल ब्लॉक की दूसरे चरण की वन स्वीकृति के संबंध में तेजी से कार्यवाही का विश्वास दिलाया है। उन्होंने बताया कि तीनों ही केन्द्रीय सचिवों से सकारात्मक व उत्साहजनक वार्ता रही।उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत राज्य में विद्युत संकट और कोयले की कम आपूर्ति को लेकर गंभीर है और पांच दिनों में दो बार वीडियो कॉफ्रेंस के माध्यम से अधिकारियों की बैठक के साथ ही स्थिति पर नजर बनाए रखते हुए नियमित समीक्षा कर रहे हैं। इसी का परिणाम है कि राज्य में तीन इकाइयों में उत्पादन शुरु करने से 1455 मेगावाट विद्युत उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है। मुख्यमंत्री श्री गहलोत की नियमित मोनेटरिंग व निर्देशों के परिणाम स्वरुप 13 अक्टूबर को सूरतगढ़ तापीय विद्युत गृह की यूनिट 7 में 660 मेगावाट विद्युत का उत्पादन आरंभ हो गया है। इससे पहले 11 अक्टूबर को कोटा तापीय विद्युत गृह की यूनिट 6 में 195 मेगावाट और कालीसिंध तानीय विद्युत गृह की यूनिट 2 में 600 मेगावाट की उत्पादन शुरु हो गया है।एसीएस एनर्जी डॉ. अग्रवाल ने बताया कि उर्जा मंत्री डा. बीडी कल्ला राज्य में विद्युत उपलब्धता, औसत मांग और अधिकतम मांग सहित कोयला रैक की आपूर्ति आदि की समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि आमनागरिकाेंं की सुविधा के अनुसार रोटेशन के आधार पर विद्युत कटौती की जा रही है। वहीं आमनागरिकों को बिजली की बचत के लिए प्रेरित किया जा रहा है।राज्य में 13 अक्टूबर को बिजली की 9916 मेगावाट उपलब्धता रही। जबकि 10790.33 मेगावाट औसत मांग व 12779 मेगावाट अधिकतम मांग रही है। राज्य मेें 200 लाख 92 हजार यूनिट सोलर एनर्जी व 32 लाख 15 हजार यूनिट पवन उर्जा का उत्पादन रहा है।—–