तो क्या जनसुनवाई में चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के पुत्र को नहीं बुलाने पर अजमेर के पुलिस अधीक्षक जगदीश चंद्र शर्मा का तबादला हुआ।

तो क्या जनसुनवाई में चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के पुत्र को नहीं बुलाने पर अजमेर के पुलिस अधीक्षक जगदीश चंद्र शर्मा का तबादला हुआ।
जिला प्रशासन के निर्देश पर प्रशासन गांवों के संग अभियान में केकड़ी विधानसभा के शिविरों में मंत्री पुत्र मुख्य अतिथि बन रहे हैं।
अजमेर एसपी का दस माह में ही हो गया तबादला। रघु शर्मा के प्रभार वाले भीलवाड़ा जिले के एसपी विकास शर्मा की अजमेर में नियुक्ति।
==========
राज्य सरकार ने 13 अक्टूबर की आधी रात को जो 39 आईपीएस की तबादला सूची जारी की है, उसमें अजमेर के जिला पुलिस अधीक्षक जगदीश चंद्र शर्मा का तबादला जयपुर स्थित सीआईडी सीबी (मानव तस्करी) के एसपी पद पर किया गया है। जबकि भीलवाड़ा के पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा को अजमेर का एसपी बनाया गया है। जेसी शर्मा के तबादले की चर्चा इसलिए हो रही है, क्योंकि उन्हें दस माह पहले ही अजमेर में नियुक्त किया गया था। जेसी पहले एसपी थे, जिन्होंने अजमेर आते ही अपना मोबाइल नम्बर सार्वजनिक किया और जिले वासियों से अपील की कि वे आधी रात को भी फोन पर संवाद कर सकते हैं। अपनी घोषणा के मुताबिक जेसी ने रात 12 बजे भी परेशान लोगों के फोन रिसीव किए। पिछले दस माह में अजमेर की कानून व्यवस्था भी नियंत्रण में रही। कोई बड़ा घटनाक्रम भी नहीं हुआ। जनप्रतिनिधि भी जेसी की कार्यशैली से संतुष्ट थे। कानून व्यवस्था से जुड़ा, ऐसा कोई कारण नहीं था, जिसकी वजह से जेसी का तबादला हो। आमतौर पर आईपीएस को एक जिले में दो वर्ष तक एसपी बनाए रखा जाता है। अचानक हुए इस तबादले से जेसी शर्मा भी आश्चर्यचकित है। जेसी को न केवल जिले पुलिस अधीक्षक के पद से हटाया, बल्कि पुलिस महकमे में सबसे कम महत्व के सीआईडी सीबी के मानव तस्करी विभाग में नियुक्त किया है। इससे प्रतीत होता है कि सत्ता में बैठा कोई राजनेता खफा हुआ है। जेसी शर्मा ने 12 अक्टूबर को चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा के निर्वाचन क्षेत्र केकड़ी में जनसुनवाई की थी। पंचायत समिति के सभागार में हुई इस जनसुनवाई में एसपी जगदीश चंद्र शर्मा के साथ केकड़ी के डीएसपी और सभी थानों के इंस्पेक्टर मौजूद रहे। हाथों हाथ पीड़ितों की समस्याओं का समाधान किया गया। पूर्व में घोषित केकड़ी के सदर थाने की बिल्डिंग निर्धारित कर हाथों हाथ 25 पुलिस कर्मियों का स्टाफ भी नियुक्त कर दिया जेसी को उम्मीद थी कि उनकी प्रभावी जनसुनवाई से केकड़ी में विधायक और प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा खुश होंगे। लेकिन जनसुनवाई के एक दिन बाद 13 अक्टूबर की आधी रात को जेसी को अजमेर से हटा दिया गया। माना जा रहा है कि पुलिस की जनसुनवाई में अपने पुत्र सागर शर्मा को मेहमान के तौर पर नहीं बुलाने से रघु शर्मा बेहद खफा हुए। केकड़ी में प्रशासन के सभी छोटे बड़े समारोहों में मंत्री पुत्र मुख्य अतिथि या मोस्ट वीआईपी पर्सन के तौर पर शामिल होते हैं। मंत्री के इशारे के कारण ही प्रशासनिक कार्यक्रम पुत्र की सुविधा से तय होते हैं। मंत्री पुत्र की उपयोगिता नहीं होने पर भी उन्हें बुलाने की मजबूरी अधिकारियों की है। इन दिनों प्रशासन गांवों के संग अभियान में केकड़ी में जो भी शिविर लग रहे हैं, उनमें मंत्री पुत्र जबरन उपस्थित रहते हैं। 12 अक्टूबर को केकड़ी के टांटोती के शिविर में तो जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। टांटोती के शिविर में मंत्री पुत्र मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद रहे। इस शिविर में कलेक्टर के साथ एसडीएम, तहसीलदार आदि बने अधिकारी भी रहे। सागर शर्मा वार्ड मेंबर अथवा सरपंच भी नहीं है, लेकिन केकड़ी में इन्हे ही मंत्री माना जाता है। मंत्री की हैसियत से ही सागर शर्मा प्रशासनिक शिविरों में पट्टे भी बांट रहे हैं। प्रशासनिक अधिकारियों को भी पता है कि कांग्रेस सरकार में रघु शर्मा सबसे ताकतवर मंत्री हैं, इसलिए पुत्र की तो चाकरी करनी ही पड़ेगी। यदि कोई अधिकारी चाकरी करने में शर्म महसूस करेगा तो उसे अजमेर में नहीं रहने दिया जाएगा। अजमेर में चपरासी स्तर तक के तक रघु शर्मा की सिफारिश से ही लगते हैं। सब जानते हैं कि रघु शर्मा भीलवाड़ा के प्रभारी मंत्री हैं। अजमेर के नए एसपी विकास शर्मा भी भीलवाड़ा से ही आ रहे हैं। स्वाभाविक है कि विकास शर्मा की अजमेर में नियुक्ति के पीछे मंत्री रघु शर्मा की सिफारिश रही है। रघु की सहमति के बिना विकास शर्मा अजमेर के एसपी नहीं बन सकते हैं। असल में जब सत्ता का नशा चढ़ता है तब घमंड सातवें आसमान पर होता है। केकड़ी के मतदाता बेसब्री से नवम्बर 2023 का इंतजार कर रहे हैं। जब जनता सबक सिखाती है तो सारा घमंड चूर चूर हो जाता है।