बिजली और फर्टिलाइजर संकट के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार। राजस्थान में जल शक्ति मिशन के 15 सौ करोड़ रुपयों का उपयोग नहीं – अरुण चतुर्वेदी

जयपुर के संघ के पथ संचालन की अनुमति नहीं देना मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की हिन्दू विरोधी मानसिकता है।
मुख्यमंत्री जब स्वयं धरना प्रदर्शन में शामिल हो रहे हैं, तब कोरोना की आड़ लेकर संघ के पथ संचलन को रोका जा रहा है-अरुण चतुर्वेदी।
बिजली और फर्टिलाइजर संकट के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार। राजस्थान में जल शक्ति मिशन के 15 सौ करोड़ रुपयों का उपयोग नहीं।
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राजस्थान भाजपा के पूर्व अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हिन्दू विरोधी मानसिकता के साथ काम कर रहे हैं। 16 अक्टूबर को अजमेर प्रवास के दौरान चतुर्वेदी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के स्थापना दिवस विजयादशमी पर स्वयं सेवकों के पथ संचलन की परंपरा रही है। लेकिन इस बार 15 अक्टूबर को जयपुर में संघ के पथ संचालन की अनुमति नहीं दी गई। प्रशासन का कहना रहा कि सरकार ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए जो गाइड लाइन जारी कर रखी है, उसे देखते पथ संचालन की अनुमति नहीं दी जा सकती है। चतुर्वेदी ने कहा कि पिछले दिनों लखीमपुर खीरी के प्रकरण को लेकर जयपुर में कांग्रेस ने पैदल मार्च निकाला और राजभवन के बाहर सिविल लाइन क्षेत्र में सार्वजनिक सभा भी की। कोरोना काल में हुए कांग्रेस के प्रदर्शनों में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्वयं भाग लिया है। कांग्रेस तो कोरोना काल में सब कुछ कर सकती है, लेकिन संघ के पथ संचालन की अनुमति नहीं दी जा सकती। संघ देश के 100 करोड़ से भी ज्यादा हिन्दुओं का प्रतिनिधित्व करता है। पथ संचालन को अनुमति नहीं देकर मुख्यमंत्री गहलोत ने अपनी हिन्दू विरोधी मानसिकता जाहिर की है। चतुर्वेदी ने कहा कि प्रदेश की जनता नवंबर 23 के विधानसभा चुनाव में गहलोत को सबक सिखाएगी।
कानून व्यवस्था का बुरा हाल:
चतुर्वेदी ने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था का बुरा हाल है। मुख्यमंत्री के गृह जिले जोधपुर में वाल्मीकि समाज के लोग पिछले चार दिनों से लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। एक युवक की हत्या को लेकर यह धरना प्रदर्शन हो रहा है। प्रदेश में दलित वर्ग के लोगों पर लगातार अत्याचार बढ़ रहे हैं। पुलिस प्रभावी कार्यवाही नहीं कर रही है। आए दिन बच्चियों के साथ बलात्कार हो रहे हैं, तो दलित युवकों की मॉबलिङ्क्षचग हो रही है। गृह विभाग मुख्यमंत्री के पास ही है। इसलिए बिगड़ती कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी सीधे मुख्यमंत्री की है। चतुर्वेदी ने इस बात पर अफसोस जताया कि कानून व्यवस्था पर मुख्यमंत्री कोई टिप्पणी नहीं करते हैं।
बिजली और फर्टिलाइजर संकट के लिए राज्य सरकार जिम्मेदार:
चतुर्वेदी ने कहा कि इन दिनों प्रदेशभर में बिजली और फर्टिलाइजर का संकट है। इसके लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है। सरकार ने पहले तो बिजली खपत का अनुमान नहीं लगाया और फिर कोयला सप्लाई करने वाली कंपनियों को बकाया पैसे का भुगतान नहीं किया। इसी प्रकार फर्टिलाइजर की डिमांड भी केंद्र सरकार को समय पर नहीं भेजी गई। अब अखबारों में विज्ञापन देकर केंद्र सरकार पर दोषारोपण कर रही है। चतुर्वेदी ने कहा कि केंद्रीय योजनाएं को राजस्थान में प्रभावी तरीके से लागू नहीं किया जा रहा है। जल शक्ति मिशन में 15 सौ करोड़ रुपए का उपयोग नहीं हो रहा है। इसी प्रकार प्रधानमंत्री आवास योजना और आयुष्मान भारत योजना की क्रियान्विति भी नहीं हो रही है। यह सारी योजनाएं जनता के हित की है मुख्यमंत्री गहलोत को लगता है कि यदि इन योजनाओं में लोगों को लाभ दिया गया तो केंद्र सरकार को वाहवाही मिलेगी। चतुर्वेदी ने कहा कि गहलोत राजनीतिक द्वेषता से मुख्यमंत्री का काम कर रहे हैं।