महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण हेतु राजीविका, महिला एवं बाल विकास और स्वायत्त शासन विभाग साथ आये

महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण हेतु राजीविका, महिला एवं बाल विकास और स्वायत्त शासन विभाग साथ आये
स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों की गुणवत्ता, ब्रांडिंग व प्रतिस्पर्धात्मक विपणन पर करेंगे फोकस
बाजार में पकड़ मजबूत करने हेतु कॉमन ऑनलाईन पोर्टल बनाया जायेगा
जयपुर, 6 जनवरी । ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री रोहित कुमार सिंह ने बताया कि महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण हेतु ग्रामीण एवं शहरी स्वंय सहायता समूहों द्वारा बनाये गये उत्पादों की गुणवत्ता, ब्रांडिगं व प्रतिस्पर्धात्मक विपणन हेतु बाजार उपलब्ध करवाने हेतु ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के तहत राजीविका, महिला एवं बाल विकास और स्वायत्त शासन विभाग मिल कर समन्वित प्रयास करेंगे ।
श्री सिंह ने बुधवार को इस संबध में शासन सचिव, महिला एवं बाल विकास श्री कृष्ण कान्त पाठक एवं स्वायत्त शासन सचिव, श्री भवानी सिंह देथा व स्टेट मिशन डायरेक्टर, राजीविका श्रीमती शुचि त्यागी सहित महिला सशक्तिकरण प्रोजेक्ट्स से जुड़े अधिकारियों के साथ अह्म बैठक की ।
अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सिंह ने बैठक में स्वयं सहायता समूहों की समस्त गतिविधियों के लिये व बाजार में पैठ मजबूत बनाने के लिये एक कॉमन ऑनलाईन पोर्टल बनाये जाने वाले बिन्दुओं जैसे स्वयं सहायता समूहों के गठन हेतु ऑनलाईन आवेदन, विशिष्ठ योजनायें, प्रशिक्षण, वित्त, मार्केटिंग, मूल्यांकन, रिर्पोटिंग, फेसिलेटेटर्स, नवाचार, प्रारूप, उत्पाद, परिवेदनायें व हैल्पलाईन पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार उत्पादों के विपणन हेतु महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव श्री कृष्ण कान्त पाठक द्वारा तैयार प्रस्तुतिकरण को भी देखा।
श्री पाठक ने अपने प्रस्तुतिकरण में बताया कि आन्ध्रप्रदेश, कुडुम्बश्री सहित देश के विभिन्न राज्यो में महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। राजस्थान राज्य में भी महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में उल्लेखनीय काम हुआ है ।
श्री पाठक ने बताया कि महिला स्वंय सहायता समूहाें के रिकार्ड संधारण के लिये केवल एक रजिस्टर से लेकर उनसे जुड़ी सभी गतिविधियों के लिये एक ऑनलाईन पोर्टल आवश्यक है। अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सिंह ने कहा कि राजीविका के तहत गठित महिला स्वंय सहायता समूहों द्वारा अधिकतर कार्य कृषि से जुड़े हुए हैं ।
उन्होंने कहा कि उनका प्रयास है कि ये स्वंय सहायता समूह फार्म सैक्टर से गैर कृषि क्षेत्र(नॉन फार्म सैक्टर) से जुड़ें ताकि उनकी आजिविका में पर्याप्त बढ़ोतरी हो व वैल्यू एडिशन बढ़ सके ।
श्री सिंह ने कहा कि स्वंय सहायता समूहों द्वारा तैयार उत्पाद गुणवत्तापूर्ण होने के बावजूद पैंकिगं की गुणवत्ता के अभाव में उनके उत्पादों का विक्रय उचित मूल्य पर नहीं हो पाता । इसके समाधान के लिये उन्होंने तीनों विभागों ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के तहत राजीविका, महिला एवं बाल विकास विभाग एवं स्वायत्त शासन विभाग के तहत एनयूएलएम के समन्वित प्रयासों की आवश्यकता प्रतिपादित की जिस पर महिला एवं बाल विकास विभाग एवं स्वायत्त शासन विभाग श्री िंसंह की पहल पर सहमत हो गये । इस संबध में एक प्रस्ताव तत्काल तैयार कर मुख्यमंत्री, राजस्थान से अनुमोदन हेतु भेजने पर भी सहमति बन गई ।
अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सिंह ने कहा कि तीनों विभागों की इस समन्वित पहल से महिला स्वंय सहायता समूहों के उत्पाद बाजार में उपलब्ध ब्रांडेड उत्पादों के साथ प्रतिस्पर्धा में टिक सकेंगे व बाजार में अपनी भागीदारी बढ़ा सकेंगे। इसके साथ-साथ इन समन्वित प्रयासों से महिला स्वंय सहायता समूहों के बीच विभिन्न नवाचारों को बढ़ावा मिलेगा साथ ही ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में संचालित स्वंय सहायता समूहों का भेद मिटेगा।