विद्युत कंपनियों में डिस्टि्रब्यूशन मेनेजमेंट सिस्टम (डीएमएस) होगा मजबूत, छीजत को लाना होगा न्यूनतम स्तर पर- एसीएस, ऊर्जा

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विद्युत कंपनियों में डिस्टि्रब्यूशन मेनेजमेंट सिस्टम (डीएमएस) होगा मजबूत,छीजत को लाना होगा न्यूनतम स्तर पर- एसीएस, ऊर्जाजयपुर, 21 अक्टूबर। ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने कहा है कि राज्य में विद्युत कंपनियों में डिस्टि्रब्यूशन मेनेजमेंट सिस्टम (डीएमएस) को मजबूत किया जाएगा। ताकि विद्युत उत्पादन व वितरण में हो रही छीजत को न्यूनतम स्तर पर लाया जा सके। डॉ. अग्रवाल गुरुवार को यहां सचिवालय में राज्य के तीनों डिस्कॉम व विद्युत उत्पादन निगम के अधिकारियों की समीक्षा बैठक ले रहे थे। उन्होंने हालिया विद्युत संकट के दौरान परस्पर समन्वय व सहयोग से कार्य करते हुए प्रदेश मेें विद्युत आपूर्ति व्यवस्था बनाए रखी उसके लिए उत्पादन, वितरण व उर्जा विकास निगम के अधिकारियों व कार्मिकों की सराहना की।अतिरिक्त मुख्य सचिव ने कहा कि विद्युत क्षेत्र में उत्पादन और वितरण व्यवस्था को प्रभावी बनाने के लिए ढांचागत सुधार की आवश्यकता है। विद्युत उत्पादन व वितरण क्षेत्र में हो रही हानि को कम करना होगा। उन्होंने कहा कि सभी फीडरों के बीच सूचना तंत्र को इस तरह से विकसित करना होगा ताकि प्रभावी तरीके से मोनेटरिग की जा सके।डॉ.अग्रवाल ने कहा कि सभी डिस्कॉम्स को विद्युत छीजत को रोक कर प्रति यूनिट औसत लागत व राजस्व वसूली के अंतर को कम करना होगा। उन्होंने अधिकारियों को कार्यप्रणाली में बदलाव लाने की सलाह देते हुए कहा कि तय समय सीमा में कार्य निष्पादन से सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो सकते हैं।अतिरिक्त मुख्य सचिव ने मुख्यमंत्री किसान मित्र योजना सहित केन्द्र व राज्य सरकार की विद्युत क्षेत्र की विभिन्न योजनाओं व कार्यक्रमों की विस्तार से समीक्षा की और कार्य मेें गति लाने के निर्देश दिए।बैठक में वरिष्ठ उप सचिव श्री चन्द्र प्रकाश चावला, उपनिदेशक ऊर्जा श्री अशोक कुमार जैन, ओएसडी श्री सुनील माथुर, प्रोजेक्ट प्लानिंग डिजाइन श्री केके मीणा, जयपुर डिस्कॉम के मुख्य अभियंता श्री डीके शर्मा, जोधपुर डिस्कॉम के श्री प्रेमजीत, उत्पादन निगम के श्री अनिल मिढ्ढा, जयपुर डिस्कॉम के श्री नवीन जैन, आरआरईसी के श्री राजीव सिंह सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।राज्य में विद्युत कटौती नहीं, विद्युत मांग व उपलब्धता बढ़ीअतिरिक्त मुख्य सचिव एनर्जी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि बिजली की कमी के कारण प्रदेश में कहीं भी विद्युत कटौती नहीं की जा रही है। उन्होंने बताया कि राज्य में बिजली की मांग व उपलब्धता में भी बढ़ोतरी हुई है।डॉ. अग्रवाल ने बताया कि गुरुवार को बिजली की संभावित उपलब्धता 10204 मेगावाट रही। इसी तरह से संभावित मांग 9617 मेगावाट और अधिकतक संभावित मांग 10870 मेगावाट रही। उन्हांने बताया कि 20 अक्टूबर का देर रात तक कोयले की 18 रैक डिस्पेच हुई।