24 माह रह गए हैं राजस्थान के विधानसभा चुनाव में। अब तो मंत्रिमंडल में फेरबदल और राजनीतिक नियुक्तियों जैसे काम होने ही चाहिए।

24 माह रह गए हैं राजस्थान के विधानसभा चुनाव में। अब तो मंत्रिमंडल में फेरबदल और राजनीतिक नियुक्तियों जैसे काम होने ही चाहिए।
पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट का अजमेर से लेकर जोधपुर तक भव्य स्वागत।
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3 नवंबर को राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने जयपुर से जोधपुर तक का सफर सड़क मार्ग से किया। जगह जगह पायलट का भव्य स्वागत हुआ। अजमेर पहुंचने पर पायलट का घूघरा बाईपास पर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया। इस अवसर पर मीडिया से संवाद करते हुए पायलट ने कहा कि राजस्थान में विधानसभा के चुनाव में मात्र चौबीस माह रह गए हैं। इसलिए पूर्व में जो समझौता हुआ था, उसके अनुरूप सरकार को निर्णय लेने चाहिए। यह बात पायलट ने मंत्रिमंडल में फेरबदल और राजनीतिक नियुक्तियों के सवाल पर कही। पायलट ने कहा कि प्रदेश प्रभारी अजय माकन और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी इस मामले में गंभीरता के साथ विचार कर रही है। मुझे उम्मीद है कि जल्द ही कोई निर्णय हो जाएगा। पायलट ने कहा कि राजस्थान में पांच वर्ष भाजपा और पांच वर्ष कांग्रेस की सरकार रहने की परंपरा है। चूंकि इस समय प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है, इसलिए हमें पुरानी परंपरा को तोड़ना है। पायलट ने कहा कि श्रीमती सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में जो योजना बनी उसी का परिणाम रहा कि राजस्थान में दोनों उपचुनावों में कांग्रेस उम्मीदवारों की जीत हुई। पायलट ने कहा कि पेट्रोल डीजल में वृद्धि और महंगाई की वजह से आम लोगों में भाजपा के प्रति गुस्सा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ही एक मात्र पार्टी है जो भाजपा को चुनौती दे सकती है। 3 नवंबर को पायलट ने पाली में कांग्रेस के दिवंगत कार्यकर्ता मोहब्बत सिंह के निवास पर जाकर भी संवेदना प्रकट की। इसी प्रकार जोधपुर के बिलाड़ा में भी कांग्रेस कार्यकर्ता के निधन पर आयोजित शोक सभा में भाग लिया। जयपुर से लेकर जोधपुर तक राष्ट्रीय राजमार्ग पर पायलट का जगह जगह स्वागत किया गया।
सीएम गहलोत के नाम का उल्लेख नहीं:
वल्लभनगर और धरियावद के उपचुनावों में कांग्रेस की जीत के सवालों पर पायलट ने किसी भी स्थान पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम का उल्लेख नहीं किया। अलबत्ता यह कहा कि राजस्थान में भाजपा विपक्ष की भूमिका नहीं निभा रही है। पायलट ने कि भाजपा जब सरकार में थी, तब सरकार की जिम्मेदारी नहीं निभा रही थी और अब विपक्ष की भूमिका निभाने में विफल है। यही वजह रही कि वल्लभनगर में चौथे और धरियावद में तीसरे स्थान पर भाजपा उम्मीदवार को रहना पड़ा। वल्लभनगर में तो भाजपा की जमानत जब्त हो गई।