660 मेगावाट की छबड़ा सुपर क्रिटिकल इकाई में विद्युत उत्पादन आरंभ – दीपावली के त्यौहारी अवसर पर समूचे प्रदेश में निर्बाध विद्युत आपूर्ति -एसीएस डॉ. अग्रवाल

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660 मेगावाट की छबड़ा
सुपर क्रिटिकल इकाई में विद्युत उत्पादन आरंभ – दीपावली के त्यौहारी
अवसर पर समूचे प्रदेश में निर्बाध विद्युत आपूर्ति -एसीएस डॉ. अग्रवालजयपुर, 6 नवंबर। राज्य में 660 मेगावाट की छबड़ा सुपर
क्रिटिकल तापीय विद्युतगृह में विद्युत उत्पादन आरंभ हो गया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव
एनर्जी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने  बताया कि मुख्यमंत्री
श्री अशोक गहलोत के दिशा-निर्देशों में एक ओर राज्य की बंद तापीय इकाइयों में प्राथमिकता
से विद्युत उत्पादन शुरू किया जा रहा है वहीं दूसरी ओर कोयले की उपलब्धता बढ़ाने के
लिए समन्वित प्रयास किए जा रहे हैं।डॉ. अग्रवाल ने बताया कि योजनाबद्ध प्रयासों का ही परिणाम
है कि देशव्यापी विद्युत संकट के बावजूद प्रदेश में समय रहते समस्या का समाधान कर आम
नागरिकों को परेशानी नहीं होने दी गई। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री श्री गहलोत के
निर्देशानुसार दीपावली के त्यौहारी अवसर पर समूचे प्रदेश में निर्बाध विद्युत आपूर्ति
बनाए रखी गई।डॉ. अग्रवाल ने बताया कि ऊर्जा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला
भी विद्युत उत्पादन, मांग और उपलब्धता की नियमित समीक्षा कर रहे हैं और उच्च
स्तरीय बैठकों में आवश्यक दिशा-निर्देश दे रहे हैं।एसीएस ऊर्जा डॉ. अग्रवाल ने बताया कि नवंबर माह में 5 नवंबर को पहली बार कोल
इंडिया व विद्युत विभाग की कोल माइंस दोनों से मिलाकर कोयले की 21 रैक डिस्पेच कराने
में सफलता मिली है। इससे पहले पिछले कुछ दिनों से कोयले की औसतन प्रतिदिन 16-17 रैक डिस्पेच हो
पा रही थी। यहां तक कि 30 अक्टूबर को तो कोयले की 13 रैक ही डिस्पेच हो पाई
थी। इसके बावजूद प्रदेश में बिजली की आपूर्ति व्यवस्था को सुचारू बनाए रखा गया और प्रदेश
में कहीं भी बिजली की कमी के कारण कटौती नहीं होने दी गई।उन्होंने बताया कि 5 नवंबर को देर रात तक
राज्य सरकार के कोल ब्लॉक पीकेसीएल से कोयले की 11 रैक डिस्पेच हुई है, वहीं कोल इंडिया
की अनुषंगी इकाई एनसीएल से 4 और एसईसीएल से कोयले की 6 रैक डिस्पेच कराने में
सफलता मिली है।डॉ. अग्रवाल ने बताया कि देशव्यापी कोयला संकट के दौरान
प्रदेश में 2600 मेगावाट से अधिका की बंद इकाइयों में बिजली का उत्पादन
शुरू किया गया है। छबड़ा की 660 मेगावाट की सुपरक्रिटिकल इकाई संख्या 6 में विद्युत उत्पादन
आरंभ हो गया है। इस इकाई में सालाना शटडाउन के चलते विद्युत उत्पादन नहीं हो पा रहा
था।उन्होंने बताया कि इससे पहले अक्टूबर माह में राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम की
सूरतगढ़, कालीसिंध और कोटा तापीयगृह की 2000 से अधिक मेगावाट
की 6 इकाइयों में विद्युत उत्पादन शुरू किया गया है। पिछले
कई दिनों से प्रदेश में बिजली की कमी के कारण शहरी और ग्रामीण किसी भी इलाके में विद्युत
कटौती नहीं की जा रही है।