घर-घर औषधि योजना की समीक्षा बैठक पौध वितरण लक्ष्य पूर्ण करते हुए आमजन को बताएं औषधीय पौधों के फायदे -वन एवं पर्यावरण मंत्री

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घर-घर औषधि योजना की समीक्षा बैठक  पौध वितरण लक्ष्य पूर्ण करते हुए आमजन को बताएं औषधीय पौधों के फायदे   -वन एवं पर्यावरण मंत्री जयपुर, 16 नवंबर। वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री श्री सुखराम बिश्नोई ने कहा है कि घर-घर औषधि योजना में पौध वितरण के लक्ष्य पूर्ण करते हुए आमजन को इसके फायदे बताए जाएं। वे मंगलवार को  अरण्य भवन में आयोजित बैठक में घर-घर औषधि योजना की समीक्षा कर रहे थे।बैठक की अध्यक्षता करते हुए श्री बिश्नोई ने योजना के तहत शत-प्रतिशत लक्ष्य पूर्ण करने वाले वन मंडलों के प्रभारी अधिकारियों की सराहना करते हुए वितरण के पश्चात मॉनिटरिंग प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से उपखंड स्तर तक कार्यशालाएं आयोजित कर आमजन को तुलसी, कालमेघ, अश्वगंधा और गिलोय के फायदे बताए जाएं।मंत्री श्री बिश्नोई ने कहा कि जिन वन मंडलों ने अभी तक पौध वितरण के लक्ष्य पूर्ण नहीं किए हैं, वे दिसंबर अंत तक लक्ष्य पूर्ण कर लें। इस दौरान आमजन को चारों प्रजातियों के औषधीय पौधों की सार-संभाल और उपयोग की जानकारी दी जाए। यह योजना जब अभियान बनेगी, तभी राजस्थान सरकार और विभाग का उद्देश्य पूर्ण हो सकेगा।इस अवसर पर विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती श्रेया गुहा ने योजना के प्रचार-प्रसार के लिए ब्लॉक स्तर तक कार्यशाला आयोजन के निर्देश देते हुए कहा कि इन कार्यक्रमों में आयुर्वेद विभाग के चिकित्सकों के माध्यम से घर-घर औषधि योजना के प्रति आमजन को जागरूक किया जाए। श्रीमती गुहा ने कहा कि वन मंत्री श्री सुखराम बिश्नोई के निर्देशों की पालना सुनिश्चित करते हुए अधिकारी     घर-घर औषधि योजना की सफलता के लिए निरंतर प्रयास करें। पौधे वितरण लक्ष्य पूर्ण करने के बाद अगले वर्ष की तैयारियां शुरू की जाएं।प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन-बल प्रमुख) डॉ. दीप नारायण पाण्डेय ने कम प्रगति वाले जिलों को 31 दिसंबर तक पौध वितरण के लक्ष्य पूर्ण करने के निर्देश देते हुए घर आंगन में इन पौधों को कैसे जीवित रखें, इनकी संख्या में कैसे वृद्धि की जाए और उनका उपयोग कैसे सुनिश्चित हो, इस बारे में आमजन को निरंतर जानकारी देते रहने की आवश्यकता जताई। डॉ. पाण्डेय ने कहा कि वितरण के पश्चात पौधों की मॉनिटरिंग, सार-संभाल और उपयोग की सही जानकारी परिवारों तक पहुंचाना बेहद आवश्यक है। वैद्य की सलाह से जब इन पौधों का उपयोग आमजन नियमित करेंगे, योजना का समुचित लाभ प्रदेशवासियों को तभी मिल पाएगा।प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री मुनीश कुमार गर्ग ने सभी मुख्य वन संरक्षक और उप वन संरक्षकगणों से वितरित किए गए पौधों और स्टॉक में उपलब्ध पौधों की जानकारी एफएमडीएसएस पर अपलोड करने के निर्देश दिए। अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (आईटी) श्री अरिजीत बनर्जी ने घर-घर औषधि योजना की आईईसी गतिविधियों की जानकारी विस्तारपूर्वक देते हुए आगामी गतिविधियों की रूपरेखा बताई।इस अवसर पर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (प्रशासन) श्री एसके दुबे, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (विकास) श्री एसके जैन, मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक श्री अरिंदम तोमर, सचिव बी. प्रवीण, विशिष्ट सहायक आलोक कुमार सैनी, अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (प्रोडक्शन) श्री केसी मीणा, श्री केसीए अरुण प्रसाद सहित अन्य मौजूद रहे।—