मुख्य सचिव की अध्यक्षता में जनजाति उपयोजना की राज्य स्तरीय कार्यकारी समिति की बैठक

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में जनजाति उपयोजना की राज्य स्तरीय कार्यकारी समिति की बैठक
जनजातिय विद्यार्थियों के छात्रावासों व विद्यालयों के लिये 6.63 करोड़ की की लागत से डिजीटल लर्निंग डिवाईस खरीदे जायेंगे
जयपुर, 12 जनवरी। मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य की अध्यक्षता में मंगलवार को जनजाति उपयोजना के प्रभावी निर्माण, क्रियान्वयन एवं मॉनिटरिगं हेतु गठित राज्य स्तरीय कार्यकारी समिति की वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक आयोजित की गई ।
बैठक में मुख्य सचिव ने जनजातिय विद्यार्थियों के 36 आवासीय छात्रावासों व 398 विद्यालयों के लिये 6.63 करोड़ की लागत से डिजीटल लर्निंग डिवाईस खरीदे जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी । इससे न केवल ऑन-लाईन कक्षा का प्रसारण हो सकेगा बल्कि तैयार लर्निंग सामग्री भी विद्यार्थियों को उपलब्ध हो सकेगी ।
प्रमुख शासन सचिव, टीएडी, श्री शिखर अग्रवाल ने अवगत करवाया कि यह राशि वर्ष 2020-21 में कोविड महामारी की वजह से जनजातिय विद्यार्थियों की कैरियर काउन्सिलिंग, प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को भारत भ्रमण न करवा पाने, आवासीय विद्यालयों एवं छात्रावासों के छात्र-छात्राओं की अनिवार्य विषयों की विशेष कोचिंग व खेल मय योग प्रशिक्षण, संगीत, नृत्य व वाध यंत्र प्रशिक्षण आयोजित न होेने के कारण बच गई है । इस पर मुख्य सचिव ने इस राशि के डायवर्जन की अनुमति दे दी ।
मुख्य सचिव श्री आर्य ने जनजाति कृषकों की छोटी कृषि जोत हेतु लाभकारी शैडनेट का आकार 500 वर्गमीटर से 2000 मीटर की रेंज को 500 से 100 मीटर को अनुमोदित करते हुए कहा कि इस मॉडल की लागत कम आयेगी व कहा कि शैडनेट उद्यानिकी कृषकों के लिये काफी उपयोगी साबित हुई है। इसमें हाईटेक शैडनेट नर्सरी मॉडल के माध्यम से कृषक सब्जियों एवं फलदार पौधों की नर्सरी तैयार कर पौध को बैच कर प्रति सीजन लगभग 3 लाख रूपये कमा रहे हैं ।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि शैडनेट की प्रभावी मॉनिटरिगं की जाये ताकि इसका लाभ ज्यादा से ज्यादा लाभार्थियों को मिल सके ।
श्री आर्य ने जनजातिय कृषकों को छोटी-छोटी जोत में खेत की जुताई करने, बीज की बुवाई करने, खरपतवार नियन्त्रण व फसल की कटाई करने में उपयोग किये जाने वाले सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मेकेनाईजेशन के अन्तर्गत कृषि यन्त्र में पावर टिलर पर 15 करोड़ 77 लाख के अनुदान के प्रस्ताव को अनुमोदित कर दिया ।
मुख्य सचिव श्री आर्य ने भारत सरकार द्वारा जनजातिय किसानों को प्रोत्साहित कर सिंचाई के लिए दिन में बिजली उपलब्ध करवाने हेतु शुरू की गई कुसुम योजना के तहत कम्पोनेंट ’’बी’’ के तहत सोलर उर्जा पम्प एवं कम्पोनेंट ’’सी’’ के अन्तर्गत सिंचाई कार्यों हेतु 7.5 एच.पी. क्षमता तक के वर्तमान कृषि कनेक्शनों को सौर उर्जा से विद्युतिकृत किये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी ।
उन्होंने वर्ष 2020-21 की अन्तिम तिमाही में जनजातिय छात्रावासों के 40 वार्डन आवासों एवं 35 शौचालय एवं बाथरूम के निर्माण को भी अनुमोदित कर दिया।
वीडियो कान्फ्रेंसिंग में आयुक्त जनजातिय क्षेत्रीय विकास श्री जितेन्द्र कुमार उपाध्याय, संयुक्त शासन सचिव, टीएडी नेहा गिरी व विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।