बजट सत्र शुरू होने पर राजस्थान के बेरोजगार विधानसभा का घेराव करेंगे। पेपर लीक करने वालों की संपत्तियों को जब्त और बाहरी राज्यों के अभ्यर्थियों पर रोक के लिए कानून बने।

बजट सत्र शुरू होने पर राजस्थान के बेरोजगार विधानसभा का घेराव करेंगे।
पेपर लीक करने वालों की संपत्तियों को जब्त और बाहरी राज्यों के अभ्यर्थियों पर रोक के लिए कानून बने।
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राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के अध्यक्ष उपेन यादव ने एक वीडियो जारी कर कहा है कि फरवरी में बजट सत्र शुरू होने पर विधानसभा का घेराव किया जाएगा। यादव ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने जो वादे किए थे, उन्हें अभी तक भी पूरा नहीं किया है। यादव ने बताया कि दिसंबर माह में जब वे लखनऊ में कांग्रेस दफ्तर के बाहर धरना दे रहे थे, तब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुलाकर वार्ता की थी। इस वार्ता के बाद बेरोजगारों की कुछ समस्याओं का समाधान हुआ है, लेकिन अभी भी अनेक मांगे ज्यों की त्यों हैं। प्रदेश में इन दिनों सबसे बड़ी समस्या परीक्षाओं के पेपर लीक होने की है। महासंघ चाहता है कि पेपर लीक के आरोपियों पर गैर जमानती धाराओं में मुकदमा दर्ज हो और उनकी संपत्तियां जब्त हो। राज्य सरकार भी ऐसा कानून बनाने के पक्ष में है लेकिन अभी तक भी कानून नहीं बन पाया है। यही वजह है कि पिछले दिनों विभिन्न परीक्षाओं में पेपर लीक करने के आरोपियों के विरुद्ध सख्ती कार्यवाही नहीं हो पाई है। यादव ने कहा कि सरकार को अध्यादेश लाकर पेपर लीक करने वालों के खिलाफ सख्ती कार्यवाही करनी चाहिए। पेपर लीक के पुख्ता सबूतों के बाद भी राज्य सरकार परीक्षाओं को रद्द नहीं कर रही है, जिसकी वजह से योग्य बेरोजगार युवाओं का भविष्य चौपट हो रहा है। यादव ने कहा कि अनेक राज्यों ने अपने युवाओं को ही परीक्षाओं में शामिल करने का निर्णय ले रखा है। यानी दूसरे राज्यों के अभ्यर्थी परीक्षा में भाग नहीं ले सकते हैं। जबकि राजस्थान में बाहरी राज्यों के अभ्यर्थी भी राज्य सेवाओं की परीक्षा भाग ले सकते हैं। इससे राजस्थान के युवाओं के हितों पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। इस मुद्दे पर सरकार पर दबाव बनाने के लिए ही विधानसभा का घेराव किया जाएगा। यादव ने कहा कि रीट भर्ती में पदों की संख्या बढ़ाने के लिए लगातार मांग की जा रही है। लेकिन अभी तक भी सरकार का सकारात्मक रुख सामने नहीं आया है। यादव ने कहा कि पिछले दिनों मीडिया से संवाद करते हुए सीएम अशोक गहलोत ने कहा था कि धरना प्रदर्शन घेराव का असर सरकार की प्राथमिकताओं पर पड़ता है। कई बार धरना प्रदर्शन करने वालों की समस्याओं का समाधान पहले हो जाता है। सीएम गहलोत की इस भावना का ख्याल करते हुए ही प्रदेश भर के बेरोजगार बजट सत्र में विधानसभा का घेराव करेंगे।

विडियो  में विस्तार से बताया गया।