पंजाब का मुख्यमंत्री कांग्रेस आला कमान नहीं जनता तय करेगी। पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के इस बयान पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को प्रतिक्रिया देनी चाहिए।

पंजाब का मुख्यमंत्री कांग्रेस आला कमान नहीं जनता तय करेगी।
पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के इस बयान पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को प्रतिक्रिया देनी चाहिए।
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सब जानते हैं कि पांच राज्यों के साथ पंजाब में भी फरवरी में चुनाव होने हैं। ऐसे में पंजाब का राजनीतिक माहौल गर्म है। इस गर्म माहौल में ही पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा है कि पंजाब का मुख्यमंत्री कांग्रेस आला कमान नहीं बल्कि पंजाब की जनता तय करेगी। सिद्धू ने यह बयान पंजाब मॉडल की घोषणा करते हुए दिया। हालांकि अभी पंजाब में कांग्रेस का घोषणा पत्र भी जारी नहीं हुआ है, लेकिन चुनाव के बाद कांग्रेस की सरकार कैसे काम करेगी इसका ऐलान सिद्धू ने अपनी ओर से कर दिया है। मजे की बात यह है कि पंजाब मॉडल के पोस्टर में मौजूदा मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का फोटो नहीं है। सिद्धू के बयान पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से प्रतिक्रिया के लिए इसलिए उम्मीद की जा रही है क्योंकि पंजाब में होने वाली हर घटना पर सीएम गहलोत प्रतिक्रिया देते हैं। सीएम गहलोत कांग्रेस के उन नेताओं में शामिल हैं जिन्होंने मुख्यमंत्री चन्नी को जयपुर बुलाकर सरकार चलाने के तौर तरीके भी सिखाए हैं। सीएम गहलोत आमतौर पर कहते हैं कि कांग्रेस में आला कमान ही निर्णय करता है। किस प्रदेश में किस नेता को मुख्यमंत्री बनाना है, इसका निर्णय भी आला कमान भी करता है। जनता के सामने अशोक गहलोत स्वयं का भी उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। गहलोत मानते हैं कि कांग्रेस आला कमान के आशीर्वाद की वजह से ही वह तीसरी बार राजस्थान के मुख्यमंत्री बने हैं। लेकिन अब कांग्रेस आला कमान की भावना के विपरीत सिद्धू ने बयान दिया है। देखना होगा कि गहलोत इस बयान पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं। अलबत्ता नवजोत सिंह सिद्धू ने यह दर्शा दिया है कि पंजाब कांग्रेस में अब वो ही होगा जो वे चाहेंगे। सिद्धू अपने बयानों से कांग्रेस आला कमान को लगातार चुनौती दे रहे हैं। इससे पहले भी सिद्धू ने कहा था कि चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाने का निर्णय मैंने नहीं बल्कि राहुल गांधी ने किया है। इससे पहले सिद्धू ने यह भी कहा कि यदि उनकी राय को नहीं मना गया तो वे कांग्रेस पार्टी की ईंट से ईंट बजा देंगे। जानकारों की माने तो सिद्धू ने इन दिनों अपनी ही पार्टी में बगावती तेवर अपना रहे हैं। सिद्धू को लगता है कि वे जिस पार्टी में होंगे उसी की सरकार पंजाब में बनेगी। जानकार सूत्रों के अनुसार सिद्धू अभी भी आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के संपर्क में हैं। केजरीवाल पहले ही कह चुके हैं कि यदि सिद्धू उनकी पार्टी में शामिल होते हैं तो मुख्यमंत्री का चेहरा सिद्धू ही होंगे। सूत्रों की मानें तो तीन दिन पहले केजरीवाल पार्टी के सांसद भगवत मान को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करने वाले थे, लेकिन सिद्धू के बगावती तेवरों को देखते हुए मान की घोषणा को टाल दिया गया। केजरीवाल को अभी भी उम्मीद है कि सिद्धू कांग्रेस छोड़कर आम आदमी पार्टी में आ जुड़ेंगे।