गांधी बधिर महाविद्यालय जोधपुर का उद्घाटन दिव्यांगजनों के कल्याण में राज्य सरकार ने कोई कमी नहीं रखी ः मुख्यमंत्री

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गांधी बधिर महाविद्यालय जोधपुर का उद्घाटनदिव्यांगजनों के कल्याण में राज्य सरकार ने कोई कमी नहीं रखी ः मुख्यमंत्रीजयपुर, 15 जनवरी। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि विश्व के कुल विशेष योग्यजनों में से 80 प्रतिशत भारत में हैं, ऎसे में हम सभी का दायित्व है कि दिव्यांगों को सही जीवन जीने एवं उनकी क्षमताओं का पूर्ण उपयोग करने में सहयोग करें। इसी दायित्व को पूरा करते हुए राज्य सरकार ने विशेष योग्यजनों एवं दिव्यांगों के कल्याण से जुड़ी योजनाएं बनाने में कोई कमी नहीं रखी है। प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालयों में विशेष योग्यजन फ्रेण्डली सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। श्री गहलोत शनिवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियों कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जोधपुर स्थित गांधी बधिर महाविद्यालय के शुभारंभ समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने इस वर्ष बजट में इसे महाविद्यालय में क्रमोन्नत करने की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि संवेदनशीलता के बिना सेवा का कार्य संभव नहीं है। एक संवेदनशील व्यक्ति गरीबों, दीन-दुखियों एवं बेसहारा लोगों की भलाई के बारे में सोचता है। इसी सेवा भाव के साथ 1982 में जोधपुर बधिर कल्याण समिति का गठन हुआ और मुझे इसका संस्थापक अध्यक्ष बनने का सौभाग्य मिला। समिति द्वारा 1982 में स्थापित गांधी बधिर विद्यालय रूपी पौधा आज वट वृक्ष बन गया है। इन 40 वर्षों में कई सेवाभावी लोगों ने मिलकर इस पौधे को सींचा है और चुनौतीपूर्ण माहौल में इसका बेहतरीन प्रबंधन किया है। इसके लिए समिति के सभी पदाधिकारी साधुवाद के पात्र हैं। श्री गहलोत कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में मेरे पहले कार्यकाल में वर्ष 2002 में इस मूक बधिर विद्यालय को सैकण्डरी स्कूल का दर्जा मिला। 2010 में दूसरे कार्यकाल में यह सीनियर सैकण्डरी स्कूल बना और मेरे तीसरे कार्यकाल में आज इसका महाविद्यालय के रूप में उद्घाटन करना सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि मूक बधिर बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से स्थापित इस विद्यालय का कॉलेज तक का यह सफर दान-दाताओं एवं सेवाभावी लोगों की मदद से ही संभव हो पाया है।मुख्यमंत्री श्री गहलोत ने कहा कि कोरोना संक्रमण के दौर में ‘कोई भूखा नहीं सोए’ के राज्य सरकार के संकल्प को पूरा करने में जन प्रतिनिधियों, प्रबुद्धजनों, फ्रंटलाइन वर्कर्स, स्वयं सेवी संस्थाओं, दान-दाताओं एवं आमजन का अभूतपूर्व सहयोग मिला। राज्य सरकार ने अस्पतालों में दवाएं तथा चिकित्सा उपकरण उपलब्ध कराने के साथ ही, गरीब एवं बेसहारा लोगों की आर्थिक मदद करते हुए कोरोना के खिलाफ लड़ाई में बेहतरीन प्रबंधन किया। उन्होंने कहा कि अभी कोरोना की तीसरी लहर चल रही है। देश में पिछले कुछ दिनों में संक्रमितों की संख्या लाखों में पहुंच गई है, फिर भी बड़े पैमाने पर हुए कोविड-19 वैक्सीनेशन के कारण संक्रमितों की स्थिति गंभीर नहीं है। मास्क लगाना और वैक्सीन ही कोरोना से बचाव के बेहतरीन उपाय हैं। उन्होंने सभी लोगों से वैक्सीन के दोनों डोज लगवाने की अपील की।सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री टीकाराम जूली ने कहा कि बजट में मुख्यमंत्री द्वारा जयपुर एवं जोधपुर में मूक बधिर महाविद्यालय खोलने की घोषणा से मूक बधिर बच्चों को 12वीं से आगे की पढ़ाई में आसानी होगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पिछले तीन साल में विशेष योग्यजनों के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाएं एवं कार्यक्रम लागू किए हैं। भर्तियों में विशेष योग्यजनों का आरक्षण बढ़ाकर 5 प्रतिशत किया गया है। इसके अलावा विशेष योग्यजनों को स्कूटी वितरण भी शुरू किया गया है। महाविद्यालय संचालन समिति के मुख्य सलाहकार एवं पूर्व न्यायाधीश श्री एलएन माथुर ने कहा कि विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों की स्थापना के माध्यम से मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत पिछले दो दशक में जोधपुर में शिक्षा क्रांति लाए हैं। उन्होंने मूक बधिर विद्यालय को महाविद्यालय में क्रमोन्नत कर मूक बधिर बच्चों के लिए उच्च शिक्षा की राह खोलने पर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस महाविद्यालय में सांकेतिक भाषा के जानकार विशेष शिक्षकों, हियरिंग एड एवं स्मार्ट बोर्ड की मदद से मूक बधिर बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जाएगी। जोधपुर बधिर कल्याण समिति के अध्यक्ष श्री किशन लाल गर्ग एवं समिति के संयोजक श्री सोहन लाल जैसलमेरिया ने गांधी बधिर विद्यालय को महाविद्यालय बनाने की बजट घोषणा के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। समिति के श्री कैलाश टाटिया ने मुख्यमंत्री को दिव्यांगों का मसीहा बताया और कहा कि श्री गहलोत ने मूक बधिर बच्चों के लिए उच्च शिक्षा की राह खोली है। कार्यक्रम में दिव्यांग बच्चों सायमा, विकास एवं दीपक ने सांकेतिक भाषा के माध्यम से बताया कि गांधी बधिर विद्यालय से 12वीं कक्षा पास करने के बाद उनके पास आगे की पढ़ाई के लिए कोई जरिया नहीं था। मुख्यमंत्री द्वारा इस विद्यालय को महाविद्यालय में क्रमोन्नत करने से अब वे यहां पढ़ाई जारी रख पाएंगे।इस अवसर पर राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती संगीता बेनीवाल, विधायक श्रीमती मनीषा पंवार, जोधपुर उत्तर की मेयर श्रीमती कुंती देवड़ा, शासन सचिव उच्च शिक्षा श्री एनएल मीणा, जोधपुर के संभागीय आयुक्त डॉ. राजेश शर्मा, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सचिव डॉ. समित शर्मा, आयुक्त एवं शासन सचिव विशेष योग्यजन श्री गजानन्द शर्मा, जोधपुर कलेक्टर श्री इंद्रजीत सिंह, समाजसेवी श्री राजेन्द्र सिंह सोलंकी एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।—–