सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री जूली ने पीड़िता के परिवार से घर पर जाकर की मुलाकात

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सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री श्री जूली ने पीड़िता के परिवार से घर पर जाकर की मुलाकातजयपुर, 16 जनवरी। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता एवं कारागार विभाग मंत्री श्री टीकाराम जूली रविवार को अलवर में 11 जनवरी को विमंदित बालिका के साथ हुई दुःखद घटना की पीड़िता के परिजनों से घर पर जाकर मिले।  श्री जूली ने घटना पर गहरा दुःख जताते हुए परिजनों से कहा कि राज्य सरकार पीड़ित परिवार के साथ खड़ी हुई है। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत इस मामले की गंभीरता को समझते हुए स्वयं पूरे प्रकरण की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि घटना की पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता से जांच कराई जा रही है। पुलिस को निर्देशित किया है कि मामले का जल्द से जल्द खुलासा करें। दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नही जाएगा। पुलिस हर पहलू को दृष्टिगत रखकर बारीकी से मामले की जांच कर रही है।  इस दौरान उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत इस घटना को लेकर बेहद संवेदनशील है। उन्होंने घटना संज्ञान में आते ही पुलिस महानिदेशक को त्वरित और निष्पक्ष जांच करने के निर्देश दिए है। उन्होंने कहा कि जैसे ही 11 जनवरी को घटना मेरे संज्ञान आई मैंने तुरंत अलवर पुलिस अधीक्षक और जिला कलक्टर से फोन पर बात कर उन्हें पीड़ित बेटी का तुरंत इलाज शुरू कराने, पीड़िता के परिवार को सुरक्षा प्रदान करने तथा पीड़ित परिवार की समुचित आर्थिक सहायता करने के निर्देश दिए। जिला कलक्टर ने राजीव गांधी सामान्य चिकित्सालय जाकर पीड़िता की गंभीर स्थिति को देखते हुए जेके लोन अस्पताल जयपुर रैफर कराया तथा एम्बुलेंस में अतिरिक्त रक्त भी रखवाया। जेके लोन में पीड़िता का विशेषज्ञ चिकित्सको ने ऑपरेशन किया।  उन्होंने बताया कि उनके निर्देश पर जिला प्रशासन ने घटना के अगले ही दिन पीड़ित परिवार को 3.50 लाख रुपये की अंतरिम सहायता स्वीकृत की। वे स्वयं जानकारी मिलते ही जेके लोन अस्पताल जाकर पीड़ित बेटी और परिवार से मिले है। उन्होंने कहा कि परिजन राज्य सरकार द्वारा मुहैया कराई गई चिकित्सकीय व्यवस्था एवं अंतरिम सहयोग राशि तथा घटना को लेकर बरती जा रही तत्परता से संतुष्ट है। मूक बधिर बच्ची के लिए विशेष शिक्षकों द्वारा काउंसलिंग भी की जा रही है ताकि बच्ची के बयानों के आधार पर मामले का खुलासा किया जा सके। श्री जूली ने परिवार को मौके पर आखथक सहायता देते हुए पीड़िता के भाई-बहन की पढ़ाई एवं परिजनों को संविदा पर नौकरी दिलाने के लिए आश्वस्त किया। —