गर्मियों में पेयजल प्रबंधन के लिए पीएचईडी की अग्रिम तैयारी अभावग्रस्त घोषित जिलों में समयबद्ध पेयजल प्रबंधन सुनिश्चित किया जाएगा दस जिलों के अधिकारियों को व्यवस्थाओं के बारे में दिशा निर्देश जारी

Description

गर्मियों में पेयजल प्रबंधन के लिए पीएचईडी की अग्रिम तैयारीअभावग्रस्त घोषित जिलों में समयबद्ध पेयजल प्रबंधन सुनिश्चित किया जाएगादस जिलों के अधिकारियों को व्यवस्थाओं के बारे में दिशा निर्देश जारी        जयपुर, 28 जनवरी। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) ने आगामी गर्मियों में प्रदेश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल प्रबंधन के लिए अग्रिम तैयारियां प्रारम्भ कर दी है। प्रदेश के सूखाग्रस्त घोषित क्षेत्रों में विभाग द्वारा एसडीआरएफ-स्टेट डिजास्टर रिलीफ फंड के नॉर्म्स के अनुसार पेयजल परिवहन की व्यवस्था की जाएगी।       जलदाय मंत्री डॉ. महेश जोशी ने बताया कि प्रदेश में आपदा प्रबधन, सहायता एवं नागरिक सुरक्षा विभाग की अधिसूचना द्वारा चिह्नित जिलों चूरू, बाड़मेर, बीकानेर, जालौर, जैसलमेर, पाली, सिरोही, जोधपुर, नागौर एवं डूंगरपुर की खराबा और मध्यम रूप से सूखाग्रस्त 64 तहसीलों में निर्धारित नॉर्म्स के अनुसार टैंकर्स द्वारा जल परिवहन कर समयबद्ध पेयजल प्रबंधन सुनिश्चित किया जाएगा। इसके लिए इन जिलों में जिला कलक्टर्स एवं पीएचईडी के अधीक्षण अभियंताओं को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।      डॉ. जोशी ने बताया कि इन दस जिलों में पीएचईडी के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे समस्याग्रस्त गांव एवं हैबिटेशंस की पहचान करे। उनमें लोगों की न्यूनतम आवश्यकताओं का आंकलन कर गर्मियों के दिनों में टैंकर्स से जल परिवहन के प्रस्ताव तैयार कर जिला आपदा प्रबंधन कमेटी की बैठक में उनका अनुमोदन कराएं। इसके पश्चात पीएचईडी की ओर से समय-समय पर जारी गाइडलाइन एवं निर्धारित नॉर्म्स के अनुसार इन क्षेत्रों में जल परिवहन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।     इन जिलों में जल परिवहन की व्यवस्था जिला प्रशासन की अनुशंसा एवं सहमति से की जाएगी। इसके लिए जिला स्तर पर कलक्टर की अध्यक्षता (या उनके प्रतिनिधि के रूप में कम से कम अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम) के स्तर के अधिकारी की अध्यक्षता में) कमेटी का गठन किया जाएगा। इसमें पीएचईडी एवं जिला कोष कार्यालय के अधिकारी शामिल होंगे। इस कमेटी को जल परिवहन के लिए दरों के निर्धारण के सम्बंध में सभी अधिकार प्राप्त होंगे। उपखण्ड स्तर पर जल परिवहन दरों के निर्धारण के बारे में सब डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) की अध्यक्षता में कमेटी द्वारा निर्णय लिया जाएगा। इसमें पीएचईडी के अधिकारियों के अलावा विकास अधिकारी एवं तहसीलदार शामिल है।    पीएचईडी के अधिकारियों को टैंकर्स से जल परिवहन की व्यवस्था के लिए तीन कूपन सिस्टम की पालना के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही एवं उपभोक्ताओं को टैंकर सप्लाई के लिए ट्रिप की जीपीएस एवं ओटीपी सिस्टम के माध्यम से मॉनिटरिंग करने के निर्देश भी दिए गए हैं। सभी अधिकारियों को जल परिवहन व्यवस्था के बारे में राज्य मुख्यालय को प्रति सप्ताह रिपोर्ट भेजनी होगी।——