केन्द्रीय बजट देश के आमजन की उम्मीदों के साथ बड़ा छलावा-जलदाय मंत्री केन्द्रीय बजट पर जलदाय मंत्री डॉ. महेश जोशी की प्रतिक्रिया

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केन्द्रीय बजट देश के आमजन की उम्मीदों के साथ बड़ा छलावा-जलदाय मंत्रीकेन्द्रीय बजट पर जलदाय मंत्री डॉ. महेश जोशी की प्रतिक्रियाजयपुर, एक फरवरी। जलदाय मंत्री डॉ. महेश जोशी ने केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन द्वारा मंगलवार को संसद में पेश वर्ष 2022-23 के बजट को देश के आमजन, किसान, युवा और मध्यम वर्ग की उम्मीदों के साथ बड़ा छलावा करार दिया है। उन्होंने कहा कि इससे देश में महंगाई, बेरोजगारी और आर्थिक विषमता में बढ़ोतरी होगी।डॉ. जोशी ने अपने वक्तव्य में कहा कि केन्द्रीय बजट से एक रोज पहले प्रस्तुत आर्थिक समीक्षा में लोगों को आंकड़ों के मायाजाल में उलझाकर इकॉनामिक ग्रोथ के सपने दिखाए गए हैं, जो देश में धरातल की मौजूदा स्थिति से कतई मेल नहीं खाते। उन्होंने कहा कि केन्द्रीय बजट इससे भी एक कदम आगे जाकर कोरी जुमलेबाजी और शब्दों की बाजीगरी से केन्द्र सरकार की सतत नाकामियों पर पर्दा डालने का असफल प्रयास है। बजट में विकट हालात का सामना कर रहे गांव, गरीब, मजदूर एवं किसान वर्ग को संबल देने के लिए ठोस विजन का नितांत अभाव है।जलदाय मंत्री ने कहा कि पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों के वाशिंदों को अपनी पेयजल जरूरतों की दृष्टि से वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा ईस्टर्न कैनाल परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने की घोषणा की क्रियान्विति का एक अरसे से इंतजार है। बजट में इस महत्वाकांक्षी परियोजना के बारे में राज्य की बारम्बार गुहार को तो अनदेखा किया गया ही है, अन्य क्षेत्रों में भी यह राजस्थान की जनता की उम्मीदों को गहरा धक्का पहुंचाने वाला दस्तावेज है।”केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन द्वारा मंगलवार को संसद में पेश वर्ष 2022-23 के बजट को देश के आमजन, किसान, युवा और मध्यम वर्ग की उम्मीदों के साथ बड़ा छलावा है। इससे देश में महंगाई, बेरोजगारी और आर्थिक विषमता में बढ़ोतरी होगी। इस बजट से एक रोज पहले प्रस्तुत आर्थिक समीक्षा में लोगों को आंकड़ों के मायाजाल में उलझाकर इकॉनामिक ग्रोथ के सपने दिखाए गए हैं, जो देश में धरातल की मौजूदा स्थिति से कतई मेल नहीं खाते। केन्द्रीय बजट इससे भी एक कदम आगे जाकर कोरी जुमलेबाजी और शब्दों की बाजीगरी से केन्द्र सरकार की सतत नाकामियों पर पर्दा डालने का असफल प्रयास है। बजट में विकट हालात का सामना कर रहे गांव, गरीब, मजदूर एवं किसान वर्ग को संबल देने के लिए ठोस विजन का नितांत अभाव है। पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों के वाशिंदों को अपनी पेयजल जरूरतों की दृष्टि से वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा ईस्टर्न कैनाल परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने की घोषणा की क्रियान्विति का एक अरसे से इंतजार है। बजट में इस महत्वाकांक्षी परियोजना के बारे में राज्य की बारम्बार गुहार को तो अनदेखा किया गया ही है, अन्य क्षेत्रों में भी यह राजस्थान की जनता की उम्मीदों को गहरा धक्का पहुंचाने वाला दस्तावेज है।