भाजपा नेता नौटंकी बंद कर विधानसभा में रखे अपनी बात-गोविंद सिंह डोटासरा।

रीट पेपर लीक मामले में भारतीय जनता पार्टी लगातार सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही है।भाजपा के विरोध प्रदर्शन को राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद डोटासरा ने नौटंकी बताते हुए भाजपा को 9 फरवरी से शुरू हो रही विधानसभा में अपनी बात रखने की बात कही है। राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि भाजपा को नौटंकी बंद करनी चाहिए और 9 तारीख से विधानसभा का सत्र शुरू हो रहा है उसके लिए तैयारी करनी चाहिए। रीट परीक्षा को लेकर जो भी बात विपक्ष को रखनी है उसे भाजपा विधानसभा के मंच पर रखें। यहां तक कि अगर किसी पर व्यक्तिगत आरोप भी लगाने हैं तो विधानसभा में नियम और प्रक्रिया के तहत जो कानून बने हुए हैं उसके तहत नोटिस दें और चर्चा करें, इस पर हमें कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन भाजपा नेता युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने के लिए हो रही नौटंकी बंद करें। डोटासरा ने कहा कि जहां पहले दिन गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि एसओजी सही जांच कर रही है और बाद में जब दिल्ली से फोन आया तो उनके सुर बदल गए और सीबीआई की जांच की मांग करने लगे। राजस्थान की सरकार ने जो फैसला किया है उससे साफ है कि हम इस मामले की तह तक जाना चाहते हैं ताकि भविष्य में इस तरीके से बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ नहीं हो सके और पारदर्शिता के साथ परीक्षा हो। यह सोच भाजपा की नहीं है, यह हमारी कांग्रेस सरकार की सोच है। डोटासरा ने कहा कि राजस्थान की विधानसभा में चर्चा हम खुद करवा देंगे और खुद आगे होकर इस मामले पर चर्चा करवाने के लिए मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष से कहेंगे। भाजपा न केवल रीट के मुद्दे पर बल्कि अगर अलवर के मुद्दे पर भी चर्चा करना चाहे तो वह चर्चा करें हम मना नहीं कर रहे। लेकिन भाजपा को केवल नौटंकी करनी है और यह नौटंकी के बादशाह हैं। भाजपा का कोई नेता कुछ कह रहा है, कोई कुछ कह रहा है लेकिन इससे कोई फायदा नहीं होगा। भाजपा युवाओं को भ्रमित करने के अलावा कुछ नहीं कर रही है। डोटासरा ने कहा कि अगर एसओजी की जांच के बाद कोई तथ्य छूट जाए तो विपक्ष के नाते भाजपा का धर्म बनता है कि इनके पास जो बात है वह रखें। हम खुद उसको सुनने को तैयार हैं। डोटासरा ने कहा कि राजस्थान की विधानसभा में जितनी चाहे उतनी चर्चा विपक्ष करें, हम तैयार हैं। उन्होंने कहा कि राजस्थान के युवाओं का भला तभी होगा जब सही तरीके से परीक्षाएं होंगी और भर्ती के लिए भविष्य में कड़ा कानून बने। इस तरीके से पेपर लीक या चोरी के काम नहीं हो। डोटासरा ने कहा कि राजस्थान सरकार की प्राथमिकता ईमानदारी से एग्जाम करवाकर भर्ती देना है। अगर सरकार नहीं चाहती या मुख्यमंत्री नहीं चाहते तो क्या एसओजी वाले स्ट्रांग रूम तक जा सकते थे। उन्होंने कहा कि पेपर चोरी पर सरकार की मंशा पर शक करने का कोई कारण नहीं है और अब तो वैसे भी विधानसभा आ रही है इनको नौटंकी नहीं करके विधानसभा में अपनी बात रखनी चाहिए क्योंकि विधानसभा में जब चर्चा होगी तो हर विषय पर दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।