Rajasthan : पटवारी भर्ती में अटका रोड़ा, हाईकोर्ट ने कर्मचारी चयन बोर्ड से मांगा जवाब।

राजस्थान हाईकोर्ट ने पटवारी भर्ती परीक्षा 2021 में अनियमितता बरतने पर शनिवार को राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड को फटकार लगते हुए जस्टिस महेंद्र गोयल की एकल पीठ ओमप्रकाश की याचिका पर बोर्ड के चेयरमैन और सचिव से जवाब मांगा है। एडवोकेट रामप्रताप सैनी ने बताया कि राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने 23 और 24 अक्टूबर को पटवारी भर्ती परीक्षा का आयोजन करवाया था। 22 नवंबर को भर्ती परीक्षा कि फर्स्ट आंसर-की जारी की गई। इस दौरान फर्स्ट आंसर-की में बोर्ड ने सवालों के सही जवाब जांचे थे। लेकिन 25 जनवरी को जारी की गई फाइनल आंसर-की में तीन प्रश्नों के जवाब बदल दिए गए। जबकि मान्यता प्राप्त पुस्तकों और दस्तावेजों के अनुसार, बोर्ड की ओर से फाइनल आंसर-की में बताए तीन सवालों के जवाब गलत थे। इसके साथ ही रिजल्ट जारी करने में नॉमलाइजेशन प्रक्रिया को भी सही तरीके से लागू नहीं किया गया है।
कमेटी की रिपोर्ट नहीं हुई सार्वजनिक।
राजस्थान हाईकोर्ट में लगाई याचिका में कहा कि चयन बोर्ड ने न तो अभ्यर्थियों के अंक बताए और ना ही किस पारी के कितने अभ्यर्थी चयनित हुए, इसकी जानकारी दी। इसके साथ ही बोर्ड ने मामले में गठित विशेषज्ञ कमेटी की रिपोर्ट को भी सार्वजनिक नहीं किया और मनमाने तरीके से परिणाम जारी किया है। ऐसे में याचिकाकर्ता ने विवादित प्रश्नों के उत्तर सही जांचेंने और याचिकाकर्ता को बोनस अंक देते हुए प्रश्न पत्र बनाने वालों को ब्लैक लिस्ट किया जाने कि अपील की है। इसके साथ ही जब तक याचिका पर निर्णय नहीं हो, तब तक चयन प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है। बता दें कि 23 और 24 अक्टूबर को दो चरण में हुई थी। इस परीक्षा में 10 लाख 41 हजार अभ्यर्थी शामिल हुए थे। जिसका परिणाम 25 जनवरी को जारी किया गया था। लेकिन परिणाम जारी होने के बाद से ही नॉर्मलाइजेशन कि मांग को लेकर विरोध शुरू हो गया है। ऐसे में कुछ छात्र जहां भर्ती परीक्षा रद्द कर नए सिरे से परीक्षा कराने कि मांग कर रहे है। वहीं चयनित अभ्यर्थी जारी परिणाम को ही लागू कर नियुक्ति देने कि मांग कर रहे है।