Rajasthan : विपक्ष के नेता पेपर लीक की कौन सी गैंग से जुड़े हैं, इसकी भी जांच हो-सीएम अशोक गहलोत।

विपक्ष के नेता पेपर लीक की कौन सी गैंग से जुड़े हैं, इसकी भी जांच हो-सीएम अशोक गहलोत।
मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, सुभाष गर्ग और सीएम के ओएसडी देवाराम सैनी भी रीट पेपर घोटाले में शामिल हैं-विपक्ष।
रीट के 8 लाख पात्र अभ्यर्थी अब सच जानना चाहते हैं।
परीक्षा रद्द करने का मामला हाईकोर्ट में जाएगा।
आखिरकार सरकार ने राज्य स्तरीय शिक्षक अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट) लेवल-2 की परीक्षा को रद्द कर ही दिया। परीक्षा रद्द करने की घोषणा के वक्त मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान में विपक्षी दल के नेता पेपर लीक करने वाली कौन सी गैंग से जुड़े हैं, इसकी भी जांच होनी चाहिए। सीएम ने विपक्ष के नेताओं में भाजपा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के नाम का भी उल्लेख किया। वहीं प्रदेश में प्रमुख विपक्षी दल भाजपा के नेताओं ने भी आरोप लगाया है कि रीट परीक्षा के समय स्कूली शिक्षा मंत्री रहे गोविंद सिंह डोटासरा, तकनीकी शिक्षा मंत्री सुभाष गर्ग और सीएम के ओएसडी देवाराम सैनी भी रीट पेपर लीक घोटाले में शामिल हैं।
नेताओं की बयानबाजी अपनी जगह है, लेकिन प्रदेश के आठ लाख पात्र अभ्यर्थी अब रीट पेपर लीक का सच जानना चाहते हैं। मालूम हो कि प्रदेश के 10 लाख 32 हजार 855 अभ्यर्थियों ने रीट लेवल-2 की परीक्षा दी थी, इनमें से 7 लाख 73 हजार 612 अभ्यर्थियों को पात्र घोषित किया गया था। लेकिन अब जब लेवल-2 की परीक्षा रद्द हो गई है तो इन 7 लाख 73 हजार 612 अभ्यर्थियों की पात्रता भी निरस्त हो गई है। मुख्यमंत्री और विपक्षी नेताओं के बयानों से साफ जाहिर है कि रीट का पेपर राजनीतिक संरक्षण में लीक हुआ है। इसे दुर्भाग्यपूर्ण ही कहा जाएगा कि जो जनप्रतिनिधि जनता की सेवा के लिए चुने जाते हैं, वो ही पेपर लीक करने के गैर कानूनी कार्य में शामिल हैं। विपक्ष से ज्यादा मुख्यमंत्री गहलोत का बयान गंभीर है।
सब जानते हैं कि रीट पेपर लीक होने के सबूत राज्य की जांच एजेंसी एसओजी ने जुटाए। इन सबूतों के आधार पर ही सरकार ने परीक्षा लेने वाले माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डीपी जारोली को बर्खास्त कर तीन बड़े अधिकारियों को निलंबित भी किया। एसओजी गृह विभाग के अधीन आती है और राजस्थान में गृह विभाग का प्रभार भी सीएम गहलोत के पास ही है। ऐसे में सवाल उठता है कि सीएम गहलोत किस से गुहार लगा रहे हैं? यदि भाजपा सांसद डॉ. किरोडीलाल मीणा और अन्य किसी नेता का संबंध पेपर लीक करने वाली गैंग से है तो फिर सीएम को एसओजी को निर्देश देकर विपक्ष के आरोपी नेताओं को गिरफ्तार करवाना चाहिए। गहलोत प्रदेश के मुख्यमंत्री के पद पर हैं। यदि उनके पास विपक्षी नेताओं के बारे में यदि कोई सूचना है तो उसे तत्काल एसओजी को देनी चाहिए।
यदि भाजपा के नेता किसी पेपर लीक गैंग से संबंध रखते हैं तो यह बहुत ही गंभीर बात है। गहलोत ने विपक्षी नेताओं पर आरोप सार्वजनिक तौर पर लगाए हैं, इसलिए उनके आरोप बहुत मायने रखते हैं। गहलोत के ऐसे आरोप हाईकोर्ट में उन याचिकाओं में भी काम आएंगे जिनमें रीट पेपर लीक घोटाले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की गई है। सीएम गहलोत की तरह ही विपक्ष के नेताओं ने भी गंभीर आरोप लगाए हैँ। भाजपा के सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा का कहना है कि पेपर लीक में तत्कालीन शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा, तकनीकी शिक्षा मंत्री सुभाष गर्ग और सीएम के ओएसडी देवाराम सैनी भी शामिल हैं।
डॉ. मीणा का यह आरोप बेहद गंभीर है। यदि सत्ता में बैठे लोग पेपर आउट करने जैसे अपराधों में शामिल होंगे तो फिर रात दिन मेहनत करने वाले युवाओं का क्या होगा? इस मामले में गंभीर बात यह भी है कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के बर्खास्त अध्यक्ष डीपी जारोली ने भी कहा है कि पेपर लीक में राजनीतिक संरक्षण है। इस बयान के बाद से ही जारोली लापता हैं। स्वाभाविक है कि एसओजी सरकार के किसी मंत्री अथवा सीएम के ओएसडी से पूछताछ नहीं कर सकती है, इसलिए अब मामले की जांच सीबीआई से करवाने की हो रही है। सीबीआई जांच की मांग को लेकर कई याचिकाएं हाईकोर्ट में लंबित है। ताजा बयानों से सीबीआई की मांग को और मजबूती मिली है।
रद्द का मामला भी हाईकोर्ट में जाएगा:
रीट लेवल-2 की परीक्षा रद्द होने से 7 लाख 73 हजार 612 पात्र अभ्यर्थियों की पात्रता भी निरस्त हो गई है। स्वाभाविक है कि ऐसे अभ्यर्थी अपनी पात्रता बचाने के लिए हाईकोर्ट की शरण लेंगे। परीक्षा रद्द करने की घोषणा के समय खुद मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि लीक होने के बाद पेपर सिर्फ 300 अभ्यर्थियों तक ही पहुंचा। यानी 7 लाख 73 हजार 312 अभ्यर्थी अपनी मेहनत और योग्यता से शिक्षक बनने के लिए पात्र घोषित हुए हैं। मात्र 300 नकलचियों की सजा 7 लाख 73 हजार 312 पात्र अभ्यर्थी क्यों भुगते? 7 लाख 73 हजार 612 पात्र अभ्यर्थी किस मानसिक तनाव के दौर से गुजर रहे हैं, इसका भी अंदाजा लगाना चाहिए। लेवल-2 की परीक्षा रद्द करने से रीट का मामला और उलझ गया है।