राज्य की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने के लिए आगामी बजट में केन्द्रीय अनुदान तथा जीएसटी क्षतिपूर्ति की अवधि बढ़ाएं – नगरीय विकास मंत्री

केन्द्रीय बजट 2021-22 
केन्द्रीय वित्त मंत्री से की मांग
राज्य की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने के लिए आगामी बजट में केन्द्रीय अनुदान तथा जीएसटी क्षतिपूर्ति की अवधि बढ़ाएं
– नगरीय विकास मंत्री
जयपुर, 18 जनवरी। केन्द्रीय वित्त मंत्री श्रीमती ​​िनर्मला सीतारमण के साथ वीसी के माध्यम से आयोजित बजट पूर्व चर्चा के दौरान नगरीय विकास मंत्री श्री शांति कुमार धारीवाल ने कहा कि कोविड महामारी और आर्थिक मंदी के कारण राज्य की कमजोर हुई आर्थिक स्थिति को देखते हुए आगामी बजट में राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति प्रदान करने की अवधि को 5 साल तक बढ़ाकर जून, 2027 तक किया जाए। उन्होंने केन्द्र सरकार से यह भी अनुरोध किया कि केन्द्रीय प्रवर्तित योजनाओं में केन्द्रीय अनुदानों का अनुपात 75 प्रतिशत तक बढ़ाया जाए।
श्री धारीवाल सोमवार को यहां शासन सचिवालय में केन्द्रीय वित्त मंत्री की सभी राज्यों तथा केन्द्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्रियों के साथ आयोजित बजट पूर्व बैठक में राज्य का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सोने और चांदी पर उच्च आयात शुल्क को 12.5 से घटाकर 4 प्रतिशत किया जाना चाहिये जिससे  राज्य को आर्थिक रूप से लाभ होगा। उन्होंने कहा कि कीमती और अर्ध कीमती कटे और पॉलिश्ड रत्नों पर भी आयात शुल्क 7.50 से घटाकर 2.5 प्रतिशत किया जाना चाहिये।
उन्होंने कहा कि राज्य की किसी भी परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा नहीं दिया गया है। उन्होंने पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा प्रदान कर विशेष केन्द्रीय सहायता के लिए आवश्यक बजट प्रावधान किये जाएं। इसके अलावा केन्द्र सरकार द्वारा राज्य के जिन 50 मागोर्ं को सैद्धान्तिक रूप से राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया गया उनके लिए राजपत्र में अधिसूचना जारी की जाए।
श्री धारीवाल ने राज्य में नई रेल-लिंक परियोजनाओं जैसे रतलाम- डूंगरपुर वाया बांसवाड़ा नई रेल लाइन, गंगापुर सिटी के साथ धौलपुर और सरमथुरा के बीच ब्रॉड गेज रूपान्तरण, अजमेर से सवाईमाधोपुर वाया टोंक, जैसलमेर से कांडला पोर्ट तक नई रेल्वे लिंक के साथ साथ भीलवाड़ा में मेमू कोट फेक्ट्री परियोजना को भी केन्द्रीय बजट में शामिल करने के लिए कहा। इसके अतिरिक्त राज्य के 20 जिलों में शहरी गैस वितरण परियोजनाओं के विकास तथा ग्रामीण बैंकों को आयकर से मुक्त करने का भी अनुरोध किया।
नगरीय विकास मंत्री ने केन्द्रीय वित्त मंत्री से यह भी अनुरोध किया कि देश  के किसानों के सशक्तिकरण हेतु राजस्थान सरकार द्वारा पारित विधेयकों की तर्ज पर नये केन्द्रीय किसान विधानों कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) अधिनियम, 2020, कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार अधिनियम, 2020 एवं आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 का पुनरीक्षण किया जाए।
बैठक के दौरान अन्य राज्य के प्रतिनिधियों ने भी आम बजट के लिए अपने राज्य के विकास, निवेश, संसाधनों तथा वित्तीय आवश्यकताओं के बारे में सुझाव दिये।
बैठक में हरियाणा, मेघालय, मिजोरम, नागालैण्ड तथा पुड्डूचेरी के मुख्यमंत्रियों ने हिस्सा लिया। अरुणाचल प्रदेश, बिहार, दिल्ली, गुजरात, मणिपुर, तमिलनाडु तथा त्रिपुरा के उप मुख्यमंत्री वीसी के माध्यम से बैठक में शामिल हुए। पश्चिम बंगाल, आसाम, झाडखण्ड तथा गोआ के वित्त मंत्रियों ने बैठक में हिस्सा लिया तथा अन्य राज्यों के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।
इस अवसर पर वित्त विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री अखिल अरोड़ा तथा शासन सचिव (बजट) डॉ. पृथ्वीराज सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।