Rajasthan : मंत्री गुढ़ा का बड़ा बयान, रीट धांधली में यदि सीएम दोषी ताे जाना चाहिए जेल।

Rajasthan : सैनिक कल्याण राज्य मंत्री राजेंद्र सिंह गुढा रीट मामले को लेकर मीडिया और सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल हो रहे हैं। गुढ़ा ने शनिवार को अपने गृह क्षेत्र गुढ़ा गौड़जी में साफ कहा कि रीट पेपर आउट मामला बड़ा संवेदनशील मामला है। यह 26 लाख युवाओं से जुड़ा हुआ है।
इस मामले में एसओजी लगातार जांच और कार्रवाई कर रही है। यदि इसमे कोई भी बड़ा आदमी शामिल है या फिर दोषी है तो उसे जेल जाना ही चाहिए। ​चाहे वह कोई मंत्री, विधायक, आईएएस, आईपीएस या फिर मुख्यमंत्री ही क्यों ना हो। यह सिस्टम बंद होना चाहिए। उन्होंने कहा कि रीट मामले की हर एंगल से जांच होनी चाहिए।
मंत्री के आवास पर पीड़िता बैठी धरने पर।
दरअसल विधानसभा क्षेत्र में सिंगनौर निवासी एक महिला मनीषा देवी रीट में धांधली और अपने पति की मौत की जांच की मांग को लेकर दो दिन से जयपुर में उनके आवास पर धरने पर बैठी है। मनीष के पति रामनिवास गोदारा कोलकाता से रीट के पेपर ला रहे थे। 22 सितंबर की रात जयपुर जिले में कंटेनर पलटने से रामनिवास की मौत हो गई थी। उनकी पत्नी मनीष का आरोप है कि यह हादसा नहीं बल्कि नकल माफिया का षडयंत्र था।
जिसके जरिए उसके पति की हत्या की गई। मनीषा देवी के साथ धरने पर उनका 12 वर्षीय बेटा और भाजपा सांसद किरोड़ीलाल मीणा भी बैठे हैं।मनीष देवी के लिए न्याय की लड़ाई में अब 80 साल की मां भी शामिल हो गई हैं। गुढ़ा ने मनीषा देवी के जयपुर में उनके निवास पर चल रहे घरने को लेकर कहा कि पुलिस वाले उसे हटाने आये थे तो मैंने ही रोका था तथा इस सम्बंध में पुलिस कमिश्नर से बात की थी कि अगर पुलिस कार्यवाही करेगी तो मामला मेरे ऊपर आएगा। मैसेज ये जाएगा कि किरोड़ी तो न्याय दिलाना चाहते थे पर गुढ़ा ने ये करवा दिया।
गुढ़ा ने कहा कि कमिश्नर साहब मामला टेक्निकल हो गया हैं। प्रोब्लम ये आ रही है कि किरोड़ी लाल नौकरी दिलवा रहे हैं और मैं खो रहा हूँ। किरोड़ी 10 लाख दिलवा रहे हैं…मैं दे नहीं रहा। मेरी तो पूड़ी तूल जाएगी इस मामले में। हम घर मे थानेदारी नहीं कर सकते। गुढा ने कहा कि रीट मामले में दोषी हर व्यक्ति को जेल जाना चाहिए। जहां तक महिला को सहायता दिलाने का सवाल है वे लगातार प्रयास कर रहे है।
मुख्यमंत्री से भी बात की है। सरकार पांच लाख रुपए देने के लिए तैयार है। दो लाख रुपए उस ठेकेदार से दिलवाए जा रहे हैं जिसके यहां मनीष का पति काम करता था। गुढा ने कहा कि कंटेनर चालक की माैत के मामले में पुलिस ने हादसा मानकर एफआर लगा दी थी। उन्होंने डीजीपी से बात करके उसके पति वाले हादसे की फाइल भी फिर से खुलवाई है और जांच करवा रहे हैं।