REET पेपर धांधलीः राजस्थान हाईकोर्ट ने SOG जांच से जताई संतुष्टि, CBI जांच से किया इनकार

REET पेपर धांधलीः राजस्थान हाईकोर्ट ने SOG जांच से जताई संतुष्टि, CBI जांच से किया इनकार, SOG जांच की निगरानी करेगा हाईकोर्ट।

राजस्थान हाईकोर्ट ने रीट पेपर लीक मामले में सीबीआई जांच से इंकार करते हुए एसओजी की अब तक की जांच को संतोषजनक बताया है। अदालत ने जांच को अपनी निगरानी में लेते हुए एसओजी को चार सप्ताह में स्टेट्स रिपोर्ट पेश करने के निर्देश देते हुए अगली सुनवाई छह अप्रेल को तय की है। मुख्य न्यायाधीश अकील कुरैशी व न्यायाधीश सुदेश बंसल ने यह अंतरिम आदेश एबीवीपी की जनहित याचिका पर दिए। गुरुवार को याचिकाकर्ता की ओर से एडवोेकट आयुष मल्ल ने सरकार के जवाब पर अपना प्रतिजवाब पेश किया और कहा कि मामले में राजीव गांधी स्टडी सर्किल से जुड़े हुए लोग शामिल हैं। सीएम अशोक गहलोत स्वयं इस संगठन के मुखिया हैं और गृह मंत्री भी वही हैं। ऐसे में एसओजी उनसे या किसी मंत्री से पूछताछ तक नहीं कर सकती। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पेश करते हुए कहा कि मामले की जांच को सीबीआई को दिया ही जाना चाहिए। महाधिवक्ता एम.एस.सिंघवी ने विरोध में कहा कि याचिकाकर्ता की ओर से पेश किए गए फैसले वर्तमान मामले के अनुकूल नहीं हैं क्यों कि मामले के तथ्य अलग हैं। अदालत स्वतंत्र है और चाहे तो कानून सम्मत कोई भी आदेश दे सकती है। लेकिन राज्य सरकार मामले को सीबीआई जांच के लिए नहीं भेजेगी।महाधिवक्ता ने अदालत को अब तक की जांच की स्टेट्स रिपोर्ट पेश की और बताया कि एसओजी सही दिशा में निष्पक्ष जांच कर रही है। अदालत ने दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद मामले में सीबीआई जांच से इनकार करते हुए जांच अदालती निगरानी में रखने और चार सप्ताह में स्टेट्स रिपोर्ट पेश करने और अगली सुनवाई छह अप्रेल को करने के निर्देश दिए हैं।
यह है मामला।
एबीवीपी ने रीट पेपर लीक में मुख्यमंत्री सहित मंत्री सुभाषा गर्ग,राजीव गांधी स्टडी सर्किल सहित ब्यूरोक्रेट के शामिल होने के आरोप लगाते हुए मामले को सीबीआई को सौंपने की गुहार की थी। राज्य सरकार ने जवाब में याचिका पर सवाल उठाते हुए संगठन के आरोपों को झूठा,तथ्यहीन और प्रायोजित बताया। याचिका को जांच को अटकाने की नीयत से करना बताया। सरकार का कहना था कि एबीवीपी ने अब से पहले हुई पेपर लीक की किसी घटना पर सीबीआई जांच की मांग नहीं की।  युवाओं और छात्रों की इतनी ही हितैषी है तो उसने अब से पहले पेपर लीक की घटनाओं पर सीबीआई जांच की मांग क्यों नहीं की थी। याचिका गलत तथ्यों तथा मात्र मीडिया रिपोर्ट के आधार पर है। एसओजी सितंबर 2021 से ही जांच कर रही है तो चार महीने बाद जांच ऐजेंसी की मंशा पर सवाल क्यों उठाना गलत है। मामले में अब तक 39 से ज्यादा गिरफ्तारी हो चुकी हैं। जांच का बड़ा हिस्सा पूरा हो चुका है और अग्रिम जांच जारी है। जांच में रीट लेवल-प्रथम परीक्षा में कोई गड़बड़ी सामने नहीं आई है।याचिकाकर्ता के आरोप झूठे और प्रायोजित हैं। सरकार ने राजीव गांधी स्टडी सर्किल पर लगाए आरोपों को झूठा बताते हुए कहा था कि पूर्व में भी परीक्षाओं में निजी व्यक्तियों को जिम्मेदारी दी जा रही है।