रामगढ़ पचवारा की अलग पहचान बनाने के होंगे हर संभव प्रयास – उद्योग एवं राजकीय उपक्रम मंत्री

रामगढ़ पचवारा की अलग पहचान बनाने के होंगे हर संभव प्रयास – उद्योग एवं राजकीय उपक्रम मंत्री
जयपुर, 30 जनवरी। उद्योग एवं राजकीय उपक्रम मंत्री श्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि रामगढ़ पचवारा की अलग पहचान बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे। रामगढ़ पचवारा को 25 का बनाने के लिए 25 ग्राम पंचायतों का गठन किया गया है। शनिवार को दौसा जिले के उपखंड मुख्यालय रामगढ़ पचवारा में नव क्रमोन्नत राजकीय बालिका माध्यमिक विद्यालय का उद्घाटन करते हुए उद्योग मंत्री ने यह बात कही ।
श्री मीणा ने कहा कि बालिकाओं को शिक्षण संस्था में सभी आवश्यक सुविधाएं मिले ,इसके लिए नवीन भवन का निर्माण करवाया जाएगा । उन्होंने कहा कि रामगढ़ पचवारा व डीडवाना में बालिका विद्यालय के भवन निर्माण के लिए रीको के माध्यम से एक एक करोड रुपए तथा माडा योजना के माध्यम से 50 लाख रुपए दिये जायेगे।दोनो विद्यालयो के भवन निर्माण में कार्यकारी एजेंसी रीको एवं माडा योजना से मिली राशि के लिए ग्राम पंचायत रामगढ़ पचवारा रहेगी ।उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायत द्वारा अच्छा काम करवाने पर भवन निर्माण एवं अन्य कार्य के लिए 5000000 रुपए और देने की भी व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने उपस्थित ग्रामीणों से कहा कि सभी लोग अपनी बालिकाओं को पढ़ाएं।
समारोह को संबोधित करते हुए उद्योग मंत्री ने कहा कि रामगढ़ पचवारा बालिका विद्यालय में ऎसे भवन का निर्माण कराया जाए जिसको आसपास के लोग देखने को आए । इस भवन में बालिकाओं के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की पूर्ण व्यवस्था की जाएगी । गैर सरकारी स्कूलों से अधिक प्रभावी विद्यालय बनाकर बालिकाओं को शिक्षा से जोड़ा जाएगा ।
उन्होंने कहा कि अभिभावक बालक और बालिकाओं को पढ़ाने में मतभेद रखते हैं । अभिभावकों के इस भेदभाव को दूर करने के लिए रामगढ़ पचवारा में सबसे बेहतर विद्यालय भवन का निर्माण करवाया जाएगा। विद्यालय के भवन को देखकर उनके अभिभावक व गैर सरकारी शिक्षण संस्थाओं में अध्ययन करने वाले बच्चे उनको छोड़कर बालिका विद्यालय में पढ़ने का मन बनाएं तथा दूरदराज के शिक्षक व जनप्रतिनिधि विद्यालय भवन को देखकर इसी प्रकार के भवन का निर्माण करवाने का प्रयास करें ।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्बारा सरकारी सेवाओं में 33 आरक्षण देखकर महिला शिक्षा को बढ़ावा देने का काम किया है आज उसी की देन है । उन्होने कहा कि सभी सरकारी विद्यालयों में बच्चों से ज्यादा बालिकाएं अध्यनरत है। उन्होंने भामाशाह से कहा कि बालिका शिक्षा के क्षेत्र में आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवाकर कन्यादान करें। इसका फल भामाशाह को अवश्य मिलता है ।