Rajasthan : इतनी अश्लील और भद्दी गालियां सुनने के बाद भी चुप राजस्थान पुलिस

इतनी अश्लील और भद्दी गालियां सुनने के बाद भी चुप राजस्थान पुलिस। गालीबाज कांग्रेसी विधायक राजेंद्र बिधूड़ी के विरुद्ध कार्यवाही नहीं करना क्या पुलिस की राजनीतिक मजबूरी है।
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सोशल मीडिया और न्यूज चैनलों पर 4 मार्च को गाली-गलौज से भरा एक ऑडियो वायरल हो रहा है। ऑडियो राजस्थान के चित्तौड़ के बेगू विधानसभा के क्षेत्र कांग्रेस विधायक राजेंद्र बिधूड़ी और बेगू के ही भैंसरोडगढ़ के थानाधिकारी संजय गुर्जर के बीच हुए संवाद का है। ऑडियो में विधायक बिधूड़ी थानाधिकारी को जमकर गालियां दे रहे हैं। गालियां भी नई नई खोज वाली है। शायद ऐसी गालियां बिधूड़ी अपने मूल प्रदेश हरियाणा से सीख कर आए हैं। अश्लील और भद्दी गालियां सिर्फ एक थानाधिकारी को नहीं दी गई।
बल्कि ऐसी गालियां संपूर्ण राजस्थान पुलिस के लिए हैं। आम व्यक्ति यदि किसी पुलिसकर्मी को ऊंची आवाज में बोल देता है तो पुलिस वाले थाने पर लाकर उस व्यक्ति का कचूमर निकाल देते हैं। लेकिन दो दिन गुजर जाने के बाद भी पुलिस ने बिधूड़ी के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की है। पीड़ित थानाधिकारी संजय गुर्जर ने 3 मार्च को चित्तौड़ की पुलिस अधीक्षक प्रीति जैन को पूरे घटनाक्रम के बारे में बताया। एसपी को अश्लील और भद्दी गालियों वाला ऑडियो भी सुनाया गया। अब एसपी का कहना है कि यदि इस मामले में थानाधिकारी मुकदमा दर्ज करवाते हैं तो संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही की जाएगी। एसपी के निर्देश के बाद हो सकता है कि थानाधिकारी गुर्जर विधायक बिधूड़ी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करा दें। लेकिन सवाल उठता है कि क्या राजस्थान की कांग्रेस सरकार विधायक के विरुद्ध कोई कार्यवाही कर पाएगी? बिधूड़ी कांग्रेस के उन विधायकों शामिल हैं जो वर्ष 2020 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ एक माह तक होटलों में बंद रहे थे। यानी अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को बनाए रखने में बिधूड़ी की महत्वपूर्ण भूमिका है।
विधायक बिधूड़ी द्वारा गाली देने का मामला 4 मार्च को विधानसभा में भी गूंज चुका है। लेकिन ऐसे प्रतीत होता है कि राजनीतिक मजबूरियों के चलते इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं होगी। हो सकता है कि मां बहन की गालियां सुनने वाला थानाधिकारी ही सत्ता के सामने नतमस्तक हो जाए। राजस्थान पुलिस के लिए इतनी गालियां उजागर हो जाने के बाद भी पुलिस का कोई भी अधिकारी थानाधिकारी गुर्जर के समर्थन में नहीं आया है। इससे प्रतीत होता है कि पुलिस और राजनीति का भी गठबंधन है। अधिकांश थाना अधिकारियों, डीएसपी, एसपी आदि की नियुक्तियां कांग्रेस के विधायकों की सिफारिशों से ही होती है। चूंकि पुलिस अधिकारियों को अच्छे स्थानों पर पोस्टिंग चाहिए इसलिए गाली सुनने से कोई परहेज फिलहाल नजर नहीं आ रहा है। अच्छा होता कि ऑडियो के वायरल होने के साथ ही संबंधित विधायक के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाती। यह मामला अकेले एक थानाधिकारी का नहीं बल्कि राजस्थान पुलिस की प्रतिष्ठा का सवाल है।