Rajasthan : विधायकों की खरीद-फरोख्त ऑडियो वॉयरल मामले में सीएम गहलोत, मंत्री महेश जोशी सहित तमाम अधिकारियों को कोर्ट ने जारी किये नोटिस।

Rajasthan : विधायकों की खरीद-फरोख्त ऑडियो वॉयरल मामले में सीएम गहलोत, मंत्री महेश जोशी सहित तमाम अधिकारियों को कोर्ट ने जारी किये नोटिस।

राजधानी जयपुर की एडीजे कोर्ट क्रम-3 महानगर प्रथम ने विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त से जुडे़ ऑडियो वायरल करने और इस संबंध में बयानबाजी को लेकर मुख्यमंत्री व गृह​मंत्री अशोक गहलोत,तत्कालीन मुख्य सचेतक महेश जोशी,तत्कालीन मुख्य सचिव राजीव स्वरुप,तत्कालीन गृह सचिव रोहित कुमार सिंह,तत्कालीन डीजीपी भूपेन्द्र सिंह,एडीजी एसओजी अशोक राठौड़,सीएम के ओएसडी लोकेश शर्मा तथा एसओजी थानाधिकारी रविन्द्र कुमार को नोटिस जारी कर 16 मार्च तक जवाब मांगा है। अदालत ने यह आदेश ओपी सोलंकी की निगरानी अर्जी पर सुनवाई करते हुए दिए।
यह था परिवाद।
निचली अदालत में पेश परिवाद में कहा गया था कि 17 जुलाई 2020 को सीएम के ओएसडी लोकेश शर्मा की ओर से एक ऑडियो क्लिप को वायरल करने का समाचार प्रकाशित हुआ था। लोकेश शर्मा लोक सेवक की श्रेणी में आते हैं। ऐसे में यह आईपीसी, ओएस एक्ट और टेलीग्राम एक्ट की अवहेलना है। इसके अलावा इस ऑडियो को बतौर सबूत मानकर महेश जोशी ने एसओजी में आईपीसी की धारा 120 बी और 124ए के तहत मामला दर्ज करवाया था। परिवाद में कहा गया कि इस ऑडियो क्लिप के बाद राजनीतिक अस्थिरता उत्पन्न हो गई था। सीएम अशोक गहलोत ने विधायकों की खरीद-फरोख्त के भी आरोप लगाए थे। परिवाद में कहा गया कि प्रदेश में राजद्रोह और संवेदनशील मामलों से जुड़ी एफआईआर को सार्वजनिक करने पर प्रतिबंध है। इसके बावजूद अशोक गहलोत ने एसओजी के मुखिया अशोक राठौड़ से मिलीभगत कर अनुसंधान के विषय को अपने उद्देश्य के लिए चार्जशीट से पहले ही सार्वजनिक कर दिया।
यह कहा है निगरानी अर्जी में।
निगरानी अर्जी में कहा गया कि परिवादी ने ऑडियो को वायरल करने और सीएम अशोक गहलोत की ओर से बयानबाजी को लेकर निचली अदालत में परिवाद पेश किया था जिसे अदालत ने गत एक नवंबर को खारिज कर दिया था। निचली अदालत ने पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर परिवाद खारिज किया था। ऐसे में निचली अदालत के आदेश को रद्द किया जाए और मामले को जांच के लिए संबंधित थाने में भिजवाया जाए।