जल जीवन मिशन और मेजर प्रोजेक्ट्स की प्रगति की समीक्षा-जलदाय मंत्री

जल जीवन मिशन और मेजर प्रोजेक्ट्स की प्रगति की समीक्षा
पेयजल परियोजनाओं के कायोर्ं में अनावश्यक देरी पर अधिकारियों की जिम्मेदारी तय होगी-जलदाय मंत्री
जयपुर, 05 फरवरी। जलदाय मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने अधिकारियों को निर्देश दिए है कि प्रदेश में जल जीवन मिशन और अन्य पेयजल प्रोजेक्ट्स के कायोर्ं को गति देने के लिए सभी अधिकारी अपनी पूर्ण जिम्मेदारी का वहन करे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में किसी भी पेयजल प्रोजेक्ट में ढ़िलाई और अनावश्यक देरी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
डॉ. कल्ला शुक्रवार को जयपुर में शासन सचिवालय से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में जल जीवन मिशन और अन्य पेयजल परियोजनाओं के कायोर्ं की प्रगति की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में चल रही पेयजल परियोजनाओं के कायोर्ं में विलम्ब नहीं हो, जिलों एवं प्रोजेक्ट्स में पदस्थापित सभी अधिकारी अपने क्षेत्र में चल रहे कायोर्ं को गति देने के लिए पूरी गम्भीरता से जुट जाए, इसमें शिथिलता बरतने पर पर अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी।
जलदाय मंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को घर-घर जल से नल कनैक्शन देना राज्य सरकार की प्राथमिकता है, इसमें धन की किसी प्रकार कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के कायोर्ं की गुणवत्ता से किसी प्रकार का समझौता नहीं हो और निर्धारित नार्म्स की पालना करते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को लाभान्वित किया जाए। उन्होंने बैठक के दौरान कई जिलों में जल जीवन मिशन एवं अन्य प्रोजेक्ट्स के कायोर्ं में विलम्ब के बारे में अधीक्षण अभियंता और अतिरिक्त मुख्य अभियंताओं से सवाल किए और मंथर गति से चलने वाले प्रोजेक्ट्स को गति प्रदान करने के निर्देश दिए।
डॉ. कल्ला ने मेजर प्रोजेक्ट्स की समीक्षा के दौरान निर्देश दिए कि जो संवेदक कायोर्ं में रूचि नहीं ले रहे या अनावश्यक रूप से देरी कर रहे हैं, उनकी राज्य स्तर पर एक बैठक आयोजित की जाए। तय समय सीमा को पार कर चुके प्रोजेक्ट्स के कायोर्ं को पूर्ण करने के लिए अधिकारी समाधान निकाले और जो संवेदक शतोर्ं की पालना करते हुए कार्य नहीं कर पा रहे हैं, उनके खिलाफ नियमानुसार कार्यवाही की जाए।
डॉ. कल्ला ने आगामी मार्च में इंदिरा गांधी नहर परियोजना में प्रस्तावित नहरबंदी से सम्बंधित जिलों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि लोगों को इस दौरान पेयजल से सम्बंधित किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं हो इसके लिए पानी के स्टोरेज, जल परिवहन एवं वैकल्पिक स्रोतों से व्यवस्था को समाहित करते हुए कंटीजेंसी प्लान बनाए जाए। नहरबंदी से सम्बंधित जिलों में लोगों को इसका महत्व समझाते हुए जागरूकता का अभियान चलाया जाए। उन्होंने प्रदेश में जल की बचत, संरक्षण और बूंद-बूंद के सदुपयोग को भी मिशन के तौर पर लेने और इस बारे में लोगों को प्रेरित करने के लिए अभियान का संचालन करने के भी निर्देश दिए।
अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुधांश पंत ने कहा जल जीवन मिशन के तहत सभी जिलों के स्तर पर प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट के गठन कार्य पूर्ण करते हुए इसमें कंसलटेंट और विशेषज्ञों को शामिल किया जाए। इसके अलावा क्रियान्वयन सहयोग एजेंसी (इम्पलीमेंट सपोर्ट एजेंसी) को एक्टिवेट करते हुए इसके माध्यम से विलेज एक्शन प्लान के कार्य में गति लाने, कायोर्ं के थर्ड पार्टी इंस्पैक्शन, कलक्टर्स की अध्यक्षता में जिला जल एवं स्वच्छता समितियों की नियमित बैठकें आयोजित करने और प्रशिक्षण कार्यक्रम समय पर आयोजित करने के बारे में भी निर्देश दिए।
श्री पंत ने वीसी में जानकारी दी वित्त विभाग द्वारा प्रदेश में गर्मियोर्ं में पेयजल व्यवस्था से सम्बंधित कायोर्ं के लिए बजट की स्वीति प्रदान कर दी गई है। इस बारे में आगामी दिनों में आदेश जारी कर दिए जाएंगे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आगामी गर्मियोर्ं के सीजन में प्रदेश में निर्बाध पेयजल आपूर्ति के लिए अभी से तैयारी करे।
वीसी के दौरान सचिवालय स्थित एनआईसी सेंटर में जलदाय विभाग की विशिष्ट सचिव उर्मिला राजोरिया, उप सचिव-श्री राजेन्द्र शेखर मक्कड़, मुख्य अभियंता (ग्रामीण) श्री आरके मीना, मुख्य अभियंता (प्रशासन) श्री आरके लुहाड़िया, मुख्य अभियंता (विशेष प्रोजेक्ट्स) श्री आरसी मिश्रा, मुख्य अभियंता (नागौर) श्री दिनेश गोयल, मुख्य अभियंता (तकनीकी) श्री संदीप शर्मा, डब्ल्यूएसएसओ के निदेशक श्री अमिताभ शर्मा सहित सम्बंधित अधिकारी उपस्थित थे। विभाग में जिला और खंड स्तर पर पदस्थापित अधिकारियों ने जिलों में स्थापित एनआईसी के केन्द्रों से बैठक में भाग लिया।