Rajasthan : बिजली का बिल माफ करने के लिए टाटा पावर ने सरकार को व्यवहारिक कठिनाइयों से अवगत करवाया।

अजमेर शहर में प्रतिमाह 50 यूनिट बिजली खर्च करने वाले 35 हजार उपभोक्ता हैं।
Rajasthan : बिजली का बिल माफ करने के लिए टाटा पावर ने सरकार को व्यवहारिक कठिनाइयों से अवगत करवाया।
प्रदेश में अजमेर के साथ साथ बीकानेर, कोटा और भरतपुर में बिजली वितरण का काम निजी कंपनियों के पास हैं।
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अजमेर शहर में ऐसे 35 हजार परिवार हैं जिनका प्रतिमाह विद्युत खर्च 50 यूनिट तक है। अब ऐसे 35 हजार परिवारों का संपूर्ण बिजली का बिल माफ हो जाएगा। अजमेर विद्युत वितरण निगम के प्रबंध निदेशक एनएस निर्वाण ने बताया कि सरकार ने जो घोषणा की है, उसका लाभ अजमेर शहर के उपभोक्ताओं को भी मिलेगा। अजमेर में विद्युत वितरण का कार्य निजी क्षेत्र की टाटा पावर कंपनी कर रही है। अजमेर के साथ साथ भरतपुर, बीकानेर और कोटा में भी बिजली वितरण का काम निजी कंपनियों के हाथों में है।
वहीं अजमेर स्थित टाटा पावर के सीईओ शिवप्रसाद जोशी ने माना कि कंपनी को भी 50 यूनिट तक के उपभोक्ताओं को बिजली का बिल माफ करना पड़ेगा। लेकिन इसमें जो व्यावहारिक कठिनाइयां आ रही है, उसके संबंध में सरकार को अवगत कराया गया है। मालूम हो कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आगामी एक अप्रैल से 50 यूनिट वाले उपभोक्ताओं का संपूर्ण बिल माफ करने और अन्य उपभोक्ताओं के बिल पर सब्सिडी देने की घोषणा की है। सरकार ने 50 यूनिट वाले उपभोक्ताओं से फिक्स चार्ज इलेक्ट्रिकसिटी ड्यूटी अरबन सेस नहीं लेने का भी निर्णय लिया है। ऐसे में टाटा पावर जैसी निजी क्षेत्र की कंपनियों को भी 50 यूनिट वाले उपभोक्ताओं से कोई राशि नहीं लेनी होगी।
निजी कंपनियां चाहती है कि बिजली खर्च के साथ साथ बिजली वितरण में होने वाले खर्च का वहन भी राज्य सरकार करे। सरकार को सामाजिक सरोकारों से जुड़ी होती है, जबकि निजी क्षेत्र की कंपनियां ऐसी समाजसेवा नहीं कर सकती है। देखना होगा कि सरकार ने बिजली उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए जो घोषणाएं की है इनकी क्रियान्विति अजमेर, बीकानेर, कोटा और भरतपुर में निजी क्षेत्र की कंपनियां किस प्रकार से करती है।