Rajasthan : खान विभाग ने 6378 करोड़ का राजस्व अर्जन कर बनाया नया कीर्तिमान

Rajasthan : खान विभाग ने 6378 करोड़ का राजस्व अर्जन कर बनाया नया

कीर्तिमान, अवैध गतिविधियों पर सख्ती व पारदर्शी नीलामी से बढ़ा राजस्व।

 

राज्य के खनिज विभाग ने हाल ही समाप्त हुए वित्तीय वर्ष 2021-22 में रेकार्ड 6378 करोड़ 05 लाख रुपए का राजस्व अर्जित कर राजस्व अर्जन का नया कीर्तिमान स्थापित किया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस, पेट्रोलियम एवं एनर्जी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि माइंस विभाग के इतिहास में इससे पहले 2018-19 में सर्वाधिक 5301 करोड़ का राजस्व अर्जित किया गया था। उन्हांने बताया कि यह गत वित्तीय वर्ष 2020-21 की तुलना में 1412 करोड़ रुपए अधिक हैं। एसीएस डॉ. अग्रवाल ने बताया कि विभाग द्वारा छीजत रोकने और राजस्व बढ़ाने के लिए विभागीय मोनेटरिंग व्यवस्था को मजबूत करने और नियमित समीक्षा के परिणाम स्वरुप राजस्व बढ़ाने में सफलता मिली है। विभाग द्वारा योजनावद्ध तरीके से अवैध खनन व परिवहन गतिविधियों पर कार्यवाही में तेजी लाई गई। नियमित मोनेटरिंग, दिशा-निर्देशों के क्रियान्वयन व आपसी समझ व समन्वय से लक्ष्यों से अधिक राजस्व अर्जित किया जा सका है। उन्होंने बतया कि 6378 करोड़ रुपए के साथ ही 1326 करोड़ 79 लाख रु. का अतिरिक्त राजस्व आरएसएमईटी, एनएमईटी व डीएमएफईटी कोष में जमा हुआ है। इस तरह से गुरुवार 31 मार्च 22 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में 7704 करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व जमा हुआ है। एसीएस माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल सचिवालय में राजस्व वसूली की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने रेकार्ड राजस्व अर्जन के लिए विभाग के अधिकारियों व कार्मिकों को बधाई देते हुए बताया कि टीम भावना व परस्पर समन्वय से यह रेकार्ड राजस्व संग्रहण हो सका है। उन्होंने कहा कि राज्य में अवैध खनन, परिवहन और भण्डारण कि खिलाफ सख्त कार्यवाही जारी रखनी है।एसीएस डॉ. अग्रवाल ने कहा कि पिछले माहों से जिस तरह से रातिर्कालीन गश्त में तेजी लाने से खासतौर से अवैध परिवहन में कमी आने लगी है।
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे जितना अधिक फील्ड से जुड़े रहेंगे उतने ही अधिक सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे और अवैध गतिविधियों पर रोक लगने के साथ ही वैध खनन गतिविधियों को बढ़ाया जा सकेगा। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि वर्ष 2019-20 में 4576 करोड़ 85 लाख रुपये, 2020-21 में 4965 करोड़ 47 लाख रुपये का राजस्व अर्जित किया गया था जबकि 31 मार्च को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में 6378 करोड़ 05 लाख रुपए का राजस्व अर्जित किया गया है जोकि इससे पहले के वर्ष से 1412 करोड़ रुपये अधिक है। एसीएस माइंस डॉ. अग्रवाल ने बताया कि एक मोटे अनुमान के अनुसार राज्य में खनन गतिविधियों से 6 से 8 लाख लोगों को प्रत्यक्ष व 22 से 25 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रुप से रोजगार मिल रहा है। सीमित संसाधनों के बावजूद विभाग द्वारा राजस्व बढ़ोतरी के बेहतरीन परिणाम मिले हैं। निदेशक माइंस केबी पण्ड्या ने बताया कि 31 मार्च, 22 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष में आरएसएमईटी फण्ड में 43 करोड़, एनएमईटी फण्ड में 74 करोड़ और डीएमएफटी फण्ड में करीब 1209 करोड़ रुपए जमा हुए हैं।
उन्होंने बताया कि इससे संरचनात्मक विकास गतिविधियों का संचालन हो सकेगा। केबी पण्ड्या ने बताया कि समन्वित व समग्र प्रयासों से खान विभाग द्वारा राजस्व वसूली के प्रयासों में तेजी लाई गई है। विभाग द्वारा अवैध खनन व परिवहन गतिविधियों पर सख्त कार्यवाही की जा रही है जिसके सकारात्मक प्रभाव आने लगे हैं। बैठक में अतिरिक्त निदेशक बीएस सोढ़ा, एसएमई जय गुरुबख्सानी सहित वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।