Rajasthan : जो राजस्थान का हित ना साध सके, वो काहे का मंत्री – गहलोत

Rajasthan : जो राजस्थान का हित ना साध सके, वो काहे का मंत्री – गहलोत

राजस्थान ने 25 सांसद जीताकर दिए हैं, राजस्थान का हमारा जलसंसाधन मंत्री बना है। कम से कम एक परियोजना को तो राष्ट्रीय परियोजना घोषित करवाएं। इतनी ही उसकी औकात नहीं है। वह काहे का मंत्री है, जो प्राइम मिनिस्टर को कन्वीन्स नहीं कर सके।

 

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र शेखावत पर यह तीखा हमला राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बोला है। ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट(ERCP) को राष्ट्रीय परियोजना का दर्जा देने के मुद्दे पर रीजनल कांफ्रेंस में गजेंद्र सिंह शेखावत और जलदाय मंत्री महेश जोशी के बीच हुई तकरार पर अब सियासत गर्मा गई है। अब इस मुद्दे पर गजेंद्र सिंह शेखावत और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच कड़वाहट बढ़ने लगी है।

रविवार को बीकानेर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा- पीएम का बोला हुआ है शब्द, उसे एक बार अलग कर दो तब भी उसकी इतनी हैसियत होनी चाहिए कि वह पीएम से कहकर एक राष्ट्रीय परियोजना घोषित करवाए कि मेरे राजस्थान का मामला है प्रधानमंत्रीजी, इसको तो करना पड़ेगा। 40 साल का इतिहास उठाकर देख लीजिए, मैं खुद एमपी रहा हूं, आज राजस्थान का नक्शा बदल गया, हमने काम करवाए। इनसे पूछिए 5 साल में इन्होंने राजस्थान के लिए किया क्या है? ईआरसीपी तो इनकी सरकार की बनाई हुई है। पीएम कह रहे हैं हमारी लोक​प्रिय मुख्यमंत्री, अरे उसे मिलने का टाइम तो दो। इनके छह-छह मुख्यमंत्री के दावेदार बन गए हैं।

शनिवार को भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गजेंद्र सिंह शेखावत पर जमकर बरसे थे। एनएसयूआई के स्थापना दिवस पर उन्होंने कहा- केंद्रीय मंत्री को यह ज्ञान नहीं है कि प्रधानमंत्री ने क्या बोला है। प्रधानमंत्रीजी ने पता नहीं क्या देखकर सिलेक्शन किया है इनका? पानी जैसा विभाग इन्हें दिया, सबसे इंपोर्टेंट विभाग कोई मेरी दृष्टि में राजस्थान के लिए होता है तो वह पानी का होता है। जयपुर और अजमेर की सभा के पीएम के टेप सामने आए हैं। इनमें वो साफ तौर पर ईस्टर्न कैनाल के बारे में कह रहे हैं। अब उसके बाद वो राजनीति छोड़ेंगे या क्या जवाब देंगे, वह उन पर छोड़ता हूं। हम क्या मांग करें?

गजेंद्र सिंह खुद सीकर के, उन्हें अकाल की दिक्कत पता होनी चाहिए
गहलोत ने कहा- राजस्थान में सदियों से अकाल सूखे पड़ते हैं, वो(गजेंद्र सिंह) खुद सीकर के रहने वाले हैं, उन्हें खुद नहीं पता अकाल सूखे के वक्त क्या दिक्कत होती है? वह व्यक्ति केंद्र में राजस्थान की पैरवी नहीं कर रहा है। बाड़मेर-जोधपुर लिफ्ट परियोजना,आईजीएनपी, ईआरसीपी है। राज्य सरकार लिफ्ट परियोजनाओं पर 1500 करोड़ खर्च कर रही है। जोधपुर तो उनका खुद का क्षेत्र भी है। उन्हें आगे बढ़कर पानी की योजनाओं पर राजस्थान की विशेष मदद करनी चाहिए थी।

यह भी पढ़ें :   राष्ट्रपति 7 और 8 जून को राष्ट्रपति भवन में विजिटर्स कॉन्फ्रेंस 2022 की मेजबानी करेंगे

वसुंधरा राजे ने बनाया था ईस्टर्न कैनाल प्रोजेक्ट
गहलोत ने कहा- ईस्टर्न राजस्थान कैनाल का प्रोजेक्ट 13 जिलों के लिए बनाया था, ये 13 जिले पानी के लिए तकलीफ में हैं। 40 हजार करोड़ का प्रोजेक्ट वसुंधराजी ने बनाया था। मैंने प्रधानमंत्री का जयपुर और अजमेर की सभाओं का कोट ट्वीटर पर डाला है, वीडियो शेयर किया है। अगर मंत्री दोनों को पढ़ लें देख लें कि प्रधानमंत्री ने क्या कहा है तो वो खुद ही फैसला कर लें राजनीति छोड़ेंगे या क्या करेंगे? मंत्री तो कह रहे थे कि प्रधानमंत्री ने एक भी शब्द इस बारे में बोला हो तो राजनीति छोड़ दूंगा।

यह भी पढ़ें :   राजस्थान टेनिसबाल क्रिकेट संघ की साधारण सभा आयोजित