आशा सहयोगिनियों के मानदेय में वृद्धि के लिए प्रधानमंत्री को लिखा पत्र -महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री

आशा सहयोगिनियों के मानदेय में वृद्धि के लिए प्रधानमंत्री को लिखा पत्र
-महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री
जयपुर, 11 फरवरी। महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री श्रीमती ममता भूपेश ने गुरूवार को विधानसभा में बताया कि प्रदेश में कार्यरत आशा सहयोगिनियों की मानदेय राशि बढ़ाने के लिए हाल ही में मुख्यमंत्री द्वारा प्रधानमंत्री को पत्र लिखा गया है।
श्रीमती भूपेश ने प्रश्नकाल में विधायकों की ओर से इस सम्बन्ध मे पूछे गये पूरक प्रश्नों के जवाब में बताया कि सभी आशा सहयोगिनी एन.एच.एम. के तहत कार्य कर रही हैं और वर्ष 2013-14 के बाद इनके मानदेय में कोई वृद्धि नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि कोविड-19 के दौरान आशा सहयोगिनियों ने अपना सक्रिय योगदान दिया। मुख्यमंत्री ने इनके सक्रिय सहयोग को देखते हुए 2 जनवरी 2021 को इनका मानदेय बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिखा लेकिन केन्द्रीय बजट में इनके मानदेय बढ़ाने की कोई घोषणा नहीं की गई।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार अपने स्तर पर आशा सहयोगिनियों को 2700 रुपये प्रति माह की दर से मानदेय राशि का भुगतान कर रही है। उन्होंने कहा कि नियमानुसार 60ः40 की दर से भुगतान होना चाहिए, जिसमें 60 प्रतिशत राशि केन्द्र सरकार को एवं 40 प्रतिशत राशि राज्य सरकार को वहन करनी होती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में शत प्रतिशत राशि 2700 रुपये राज्य सरकार ही वहन कर रही है।
श्रीमती भूपेश ने प्रतिपक्ष के सभी सदस्यों से आग्रह किया कि वे मुख्यमंत्री द्वारा प्रधानमंत्री को जो पत्र लिखा है उसके सम्बन्ध में उसमे सभी अपना सहयोग करें और प्रधानमंत्री से आशा सहयोगिनियों की मानदेय राशि बढ़ाने का आग्रह करें।
इससे पहले विधायक श्री गौतम लाल के मूल प्रश्न के जवाब में महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री ने बताया कि आशा-सहयोगिनी स्वैच्छिक सेवा भावना से समुदाय में कार्य करने वाली स्थानीय महिला होती है तथा मानदेय कार्य समय के उपरान्त ये किसी भी प्रकार के निजी कार्य करने हेतु स्वतंत्र रहती हैं। इन पर राज्य सेवा के कार्मिकों की भांति सेवा नियम लागू नहीं है और न ही श्रमिकों के बराबर इनके कार्य के घंटे तय होते हैं।
उन्होंने बताया कि आशा-सहयोगिनी को आईसीडीएस की ओर से प्रतिमाह नियत मानदेय राशि 2700 रुपये का भुगतान किया जाता है, जो राज्य सरकार द्वारा निर्धारित है। इसके अतिरिक्त चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से कार्य आधारित भुगतान (परफोर्मेंस बेस्ड इन्सेन्टिव) किया जाता है।
श्रीमती भूपेश ने बताया कि आशा सहयोगिनियों का मानदेय वृद्धि बजट की उपलब्धता पर कर दिया जाएगा।