केन्द्रीय पर्यावरण एवं श्रम मंत्री भूपेन्द्र यादव और राजस्थान के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा पहल करे तो अजमेर की समस्याओं का समाधान हो सकता है। रघु प्रदेश में और यादव केन्द्र में ताकतवर मंत्री हैं।

केन्द्रीय पर्यावरण एवं श्रम मंत्री भूपेन्द्र यादव और राजस्थान के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा पहल करे तो अजमेर की समस्याओं का समाधान हो सकता है। रघु प्रदेश में और यादव केन्द्र में ताकतवर मंत्री हैं।
राजनीतिक नेतृत्व कमजोर होने के कारण ही अजमेर जिले में आज भी तीन-चार दिन में एक बार पेयजल की सप्लाई हो रही है।
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इसे एक संयोग ही कहा जाएगा कि 18 जुलाई को यहां केन्द्रीय पर्यावरण और श्रम मंत्री भूपेन्द्र यादव ने अजमेर के भाजपा कार्यकर्ताओं से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद किया। वहीं प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने अपने निर्वाचन क्षेत्र केकड़ी में राजनीतिक सक्रियता दिखाई। अजमेर के लोगों का मानना है कि अजमेर जिले का राजनीतिक नेतृत्व में कमजोर होने के कारण अनेक समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया है। ऐसी समस्याएं आजादी के बाद से ही चली आ रही है। बीसलपुर पेयजल परियोजना के बाद भी अजमेर जिले में आज भी तीन-चार दिन में पेयजल की सप्लाई हो रही है। चूंकि जयपुर में राजनीतिक नेतृत्व मजबूत है इसलिए उसी बीसलपुर बांध से पानी लेकर जयपुर में रोजाना पेयजल की सप्लाई की जा रही है। जयपुर और अजमेर के बीच इससे बड़ा राजनीतिक भेदभाव और कोई नहीं हो सकता। अजमेर के इतिहास में यह पहला अवसर है जब अजमेर का कोई राज नेता केंद्र में कैबिनेट मंत्री बना है। अजमेर निवासी और राजस्थान से राज्यसभा के सांसद भूपेंद्र यादव ने हाल ही में केन्द्रीय पर्यावरण और श्रम मंत्री के तौर पर शपथ ली है। यादव की केन्द्र सरकार में मजबूत स्थिति है। ऐसी ही स्थिति राजस्थान में कांग्रेस सरकार में केकड़ी के विधायक और चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा की है। यदि यादव और शर्मा प्रयास करते तो अजमेर की हर समस्या का समाधान हो सकता है। यादव और रघु भले ही अलग अलग राजनीतिक दलों से संबंध रखते हों, लेकिन दोनों के बीच सकारात्मक संवाद है। अजमेर की ऐसी कोई समस्या नहीं होगी, जिसका समाधान दोनों नेता न कर सके। अभी स्मार्ट सिटी के सारे काम अफसरशाही के भरोसे हैं। यदि भूपेन्द्र यादव और रघु शर्मा स्मार्ट सिटी लिमिटेड की बैठक में एक साथ उपस्थित होकर कार्यों की समीक्षा करे तो अजमेर को बहुत बड़ा फायदा पहुंच सकता है। सवाल उठता है कि जब बीसलपुर बांध से जयपुर को रोजाना पेयजल की सप्लाई की जा सकती है तो फिर अजमेर को क्यों नहीं? असल में पिछले बीस वर्षों में अजमेर में पानी के स्टोरेज और पाइप लाइन बिछाने के कार्य में कोई प्रभावी काम नहीं किया गया। यही वजह है कि बीसलपुर बांध में पानी होने के बाद भी अजमेर के लिए मांग के अनुरूप पानी नहीं लिया जा रहा है। भीषण गर्मी में तीन और चार दिन में एक बार पेयजल की सप्लाई होने से अजमेर के लोगों की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। सरकार चाहे भाजपा की हो अथवा कांग्रेस की दोनों ही सरकारें पेयजल को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। हर घर में नल से जल पहुंचाने को लेकर बड़े बड़े दावे किए जाते हैं, लेकिन इसे दुर्भाग्यपूर्ण ही कहा जाएगा कि जिस अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाया जा रहा है उसमें आज भी तीन चार दिन में मात्र एक घंटे के लिए पानी सप्लाई होती है। यदि भूपेन्द्र यादव और रघु शर्मा मिलकर पेयजल की समस्या का समाधान कर दे तो यह अजमेर के लोगों पर बहुत बड़ा अहसास होगा। ऐसा नहीं दो अलग अलग राजनीतिक विचारधारा वाले नेता एक साथ नहीं हो सकते। कोटा में भाजपा सांसद व लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला तथा कांग्रेस विधायक व प्रदेश के नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल के बीच बहुत अच्छा तालमेल है। इसलिए विगत दिनों मात्र एक दिन में बारह सौ एकड़ भूमि का आवंटन राज्य सरकार ने एयरपोर्ट के लिए कर दिया। धारीवाल ने करोड़ों रुपए की भूमि राज्य सरकार से नि:शुल्क दिलवाई तो अब ओम बिरला कोटा में बड़ा एयरपोर्ट बनवा रहे हैं। जो पहल कोटा में हो सकती है उसे अजमेर में भी क्रियान्वित किया जाना चाहिए।