ख्वाजा साहब की दरगाह पर केंद्रीय मंत्री नकवी रहम करें। दरगाह कमेटी में ऐसी बदइंतजामियां कभी नहीं हुई।

ख्वाजा साहब की दरगाह पर केंद्रीय मंत्री नकवी रहम करें। दरगाह कमेटी में ऐसी बदइंतजामियां कभी नहीं हुई।
नाजिम ने महिला कार्मिक को अनर्गल मैसेज भेजे-अध्यक्ष अमीन पठान।
पठान दरगाह के अंदर दुकानों एवं हुजरों के अलॉटमेंट में मनमानी करना चाहते हैं-नाजिम अशफाक हुसैन।
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केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलात मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी शेरो-शायरी से देश के राजनीतिक घटनाक्रमों पर तीखी प्रतिक्रिया देते हैं। अखिलेश यादव हो या फिर असदुद्दीन ओवैसी। नकवी किसी को नहीं बख्शते। लेकिन नकवी के मंत्रालय के अधीन आने वाली अजमेर स्थित ख्वाजा साहब की दरगाह में आंतरिक इंतजाम करने वाली दरगाह कमेटी में हो रही बदइंतजामी की जानकारी शायद नकवी को नहीं है। कमेटी का मुख्य काम दरगाह में आने वाले जायरीन को सहूलियत प्रदान करना है, लेकिन कमेटी के पदाधिकारी आपस में ही उलझे हुए हैं। कमेटी के अध्यक्ष अमीन पठान ने अपने ही नाजिम अशफाक हुसैन (रिटायर आईएएस) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पठान का आरोप है कि दरगाह कमेटी द्वारा संचालित ख्वाजा मॉडल स्कूल की एक शिक्षिका को अशफाक हुसैन ने अनर्गल मैसेज भेजे हैं। हुसैन ने अपनी जवानी के फोटो और शायरी महिला शिक्षिका को व्हाट्सएप पर भेजे। महिला शिक्षिका ने नाजिम की शिकायत केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलात मंत्रालय में भी की है। मंत्रालय के निर्देश पर ही अशफाक हुसैन से नाजिम पद से इस्तीफा मांगा गया है। दरगाह कमेटी की बदनामी नहीं हो, इसलिए इस्तीफा मांगा गया है। यदि अमीन पठान के आरोप सही है तो फिर दरगाह कमेटी और उसके द्वारा संचालित ख्वाजा मॉडल स्कूल के हालातों का अंदाजा लगाया जा सकता है। सवाल यह भी उठता है कि एक महिला शिक्षिका के सम्मान से जुड़े मामले की जानकारी अध्यक्ष पठान को थी तो पठान ने नाजिम के लिए कानूनी कार्यवाही क्यों नहीं की? क्यों मामले को चार माह तक दबाए रखा? वहीं नाजिम अशफाक हुसैन का कहना है कि मैंने दरगाह के अंदर दुकानों और खादिमों को दिए जाने वाले हुजरों (बैठने का आरक्षित स्थान) के अलॉटमेंट में मनमर्जी नहीं होने दी है, इसलिए अध्यक्ष अमीन पठान झूठे आरोप लगा रहे हैं। यदि किसी महिला ने शिकायत की है तो शिकायत की प्रति मुझे भी दी जानी चाहिए। सोशल मीडिया पर की गई चैटिंग से मेरा कोई लेना देना नहीं है। हो सकता है कि मेरे मोबाइल का किसी ने दुरुपयोग किया हो। मैंने एक दो बार मेरा मोबाइल दरगाह कमेटी के किसी जिम्मेदार कर्मी को दिया था। आरोप प्रत्यारोप की खबरें अजमेर के अखबारों में प्रमुखता से प्रकाशित हो रही है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती से जुड़ी दरगाह के हालात कैसे हैं? सब जानते हैं कि अमीन पठान तीन वर्ष से लगातार कमेटी के अध्यक्ष बन रहे हैं। पठान को अध्यक्ष बनवाने में नकवी की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। अब यदि कमेटी के नाजिम अशफाक हुसैन दुकानों और हुजरों के अलॉटमेंट में गड़बड़ी का आरोप लगा रहे हैं तो इसकी भी जांच होनी चाहिए। जिस दरगाह कमेटी का काम जायरीन को सहूलियत देना है, वह खुद बद इंतजामी का शिकार है। दरगाह कमेटी में जो कुछ भी हो रहा है, उससे जायरीन की भावनाओं को भी ठेस पहुंची हैं। अच्छा हो कि केंद्रीय मंत्री नकवी दरगाह कमेटी के हालात सुधारने के लिए प्रभावी कदम उठाएं। गंभीर बात यह है कि अमीन पठान की सिफारिश पर ही अशफाक हुसैन की नियुक्ति नाजिम के पद पर हुई थी। शायद अशफाक हुसैन, पठान की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे। इससे पहले के नाजिम शकील अहमद से भी पठान का विवाद हुआ था। शकील तो कार्यकाल के अंतिम दो माह में अवकाश पर ही चले गए थे। अशफाक हुसैन भी दो बार इस्तीफा दे चुके हैं।