आखिर डेढ़ साल में ही प्रकाश राजपुरोहित को अजमेर के कलेक्टर के पद से क्यों हटाया?

आखिर डेढ़ साल में ही प्रकाश राजपुरोहित को अजमेर के कलेक्टर के पद से क्यों हटाया?
पाली से स्थानांतरित होकर आए अंशदीप ने अजमेर कलेक्टर का पद संभाला।
सीएम गहलोत की पसंद पर हिमांशु गुप्ता को जोधपुर का कलेक्टर बनाया।
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राज्य सरकार ने 16 जनवरी की देर रात को आईएएस की तबादला सूची जारी की और 17 जनवरी को सुबह अंश दीप ने अजमेर के कलेक्टर का पद संभाल लिया। अंशदीप ने कहा कि वे अजमेर के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। इसके साथ ही प्रकाश राजपुरोहित अजमेर के कलेक्टर के पद से कार्यमुक्त हो गए हैं। सरकार ने राजपुरोहित को जल जीवन मिशन का सीएमडी बनाया है। किस आईएएस को सरकार कलेक्टर बनाए और किसी आईएएस को किसी विभाग में नियुक्ति दें यह आमतौर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री पर निर्भर करता है। अजमेर के प्रशासनिक अमले और आम लोगों में यह सवाल है कि आखिर राजपुरोहित को डेढ़ वर्ष की अवधि में अजमेर से क्यों हटा दिया गया? राजपुरोहित के काम काज को लेकर कोई शिकायत भी नहीं थी। उन्होंने स्मार्ट सिटी के कार्यों को गति दी और आम लोगों के लिए सुलभ उपलब्ध रहे। राजपुरोहित के कक्ष के बाहर पर्ची का कोई सिस्टम नहीं था। जब वे कक्ष में बैठे होते थे तब कोई भी व्यक्ति उनसे मिल सकता था। मुलाकात के दौरान दरवाजा हमेशा खुला रहता था। यानी आम व्यक्ति को कलेक्टर से मिलने में कोई परेशानी नहीं होती थी। प्रकाश राजपुरोहित का तबादला ऐसे समय में किया गया है, जब ख्वाजा साहब का सालाना उर्स 29 जनवरी से शुरू हो रहा है। सब जानते हैं कि कोरोना की तीसरी लहर को लेकर राज्य सरकार ने अनेक पाबंदियां लगा रखी हैं। ऐसे में ख्वाजा साहब का सालाना उर्स प्रशासन के सामने चुनौती है। राजपुरोहित ने अजमेर में रहते हुए कोरोना के प्रबंधन में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों की निगरानी कर इस बात का ख्याल रखा कि मरीजों को परेशानी न हो। 16 जनवरी की रात जब तबादला सूची जारी हुई तब भी राजपुरोहित अजमेर में महावीर सर्किल के निकट एक बड़ा ऑपरेशन करवा रहे थे। सुभाष बाग की जमीन को आम रास्ते में तब्दील करने को लेकर कई विभागों का संयुक्त अभियान चलाया गया। इस अभियान के सन्वयक की भूमिका में राजपुरोहित ही थे। अजमेर में संभवत: यह पहला अवसर रहा होगा, जब इतने बड़े पैमाने पर मशीनों के साथ काम शुरू किया गया। रातों रात बिजली के टावर भी हटाए गए। कहा जा सकता है कि प्रकाश राजपुरोहित ने अपना कार्यकाल में अजमेर के विकास में भी कोई कमी नहीं छोड़ी। अजमेर से पहले राजपुरोहित जोधपुर के जिला कलेक्टर थे। लेकिन अब उन्हें जल जीवन मिशन का सीएमडी बनाया गया है। उम्मीद है कि नए जिला कलेक्टर अंशदीप भी प्रकाश राजपुरोहित की तरह जनसेवक की भूमिका निभाएंगे।
हिमांशु गुप्ता जोधपुर के कलेक्टर:
सरकार ने 16 जनवरी की रात को आईएएस की जो तबादला सूची जारी की उसमें भरतपुर के जिला कलेक्टर को हिमांशु गुप्ता को जोधपुर का कलेक्टर नियुक्त किया गया है। जानकार सूत्रों के अनुसार हिमांशु गुप्ता मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पसंद रहे हैं। जोधपुर मुख्यमंत्री गृह जिला है, इसलिए कलेक्टर की नियुक्ति से पहले मुख्यमंत्री की राय को भी जाना जाता है। सूत्रों के अनुसार सीएम गहलोत हिमांशु गुप्ता के भरतपुर के कार्यकाल से खुश थे, इसलिए उन्होंने गुप्ता को अपने गृह जिले में कलेक्टर बनाया है। यहां यह उल्लेखनीय है कि हिमांशु गुप्ता अजमेर नगर निगम में आयुक्त के पद पर भी काम कर चुके हैं।