अलवर के सरकारी स्कूल में छात्राओं के साथ शिक्षकों ने ही किया गैंगरेप।

अलवर के सरकारी स्कूल में छात्राओं के साथ शिक्षकों ने ही किया गैंगरेप।
भिवाड़ी के पुलिस अधीक्षक राममूर्ति जोशी ने स्कूल की छात्राओं से संवाद किया।
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माता-पिता अपनी बेटियों को शिक्षित बनाने के लिए स्कूलों में पढ़ने भेजते हैं। अब हर अभिभावक चाहता है कि उसकी बेटी भी पढ़ लिखकर अफसर बने। लेकिन यदि किसी सरकारी स्कूल में प्रिंसिपल और शिक्षक ही छात्राओं के साथ बलात्कार करने लगे तो यह बेहद शर्मनाक बात है। रेप की घटनाओं वाला यह सरकारी स्कूल राजस्थान के अलवर जिले के मांढण थाना क्षेत्र के एक गांव में पकड़ा गया है। स्कूल की अनेक छात्राओं ने प्रिंसिपल जितेंद्र कुमार, अध्यापक सुरेश मीणा, राजकुमार तथा प्रमोद कुमार पर बलात्कार करने के गंभीर आरोप लगाए हैं। पुलिस में दर्ज शिकायत में कहा गया है कि अध्यापकगण पिछले एक वर्ष से यौनशोषण कर रहे हैं। सवाल उठता है कि ऐसे स्कूल के शिक्षक छात्राओं को पढ़ाने का काम करते हैं या फिर बलात्कार करने का काम। उन छात्रों की पीड़ाओं का अंदाजा लगाया जा सकता है जो स्कूल में बलात्कार की शिकार हो रही हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी स्कूल ही पढ़ाई का मुख्य केंद्र होता है। बेटियों को स्कूल भेजने में पहले ही अनेक पारिवारिक और सामाजिक कठिनाइयां हैं, ऐसे में यदि सरकारी स्कूल में बलात्कार और छेड़छाड़ जैसी घटनाएं होंगी तो फिर बेटियों के प्रवेश का प्रतिशत घट जाएगा। राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए। गहलोत को उन छात्राओं की पीड़ा का अहसास होना चाहिए जो पिछले एक वर्ष से बलात्कार की शिकार हो रही हैं।
एसपी का स्कूली छात्राओं से संवाद:
बलात्कार का मुकदमा दर्ज होने के बाद 8 दिसंबर को अलवर जिले के भिवाड़ी के पुलिस अधीक्षक राममूर्ति जोशी ने गांव में पहुंचकर सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली सभी छात्राओं से संवाद किया। जोशी ने बताया कि उन्होंने छात्राओं से सामूहिक तौर पर और अलग अलग संवाद किया है। यह संवाद पुलिस की जांच का अंग है। संवाद की जानकारी फिलहाल सार्वजनिक नहीं की जा सकती है। लेकिन प्राथमिक जांच में यह बात सामने आई है कि एक वर्ष पहले इसी स्कूल के एक शिक्षक को अनैतिक काम करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। एक वर्ष पूर्व दर्ज मुकदमे में जो शिक्षक गवाह हैं, उन्हीं पर अब बलात्कार करने का आरोप लगा है। हो सकता है कि ताजा मामले में पूर्व शिक्षक की ही भूमिका हो। लेकिन पुलिस इस मामले को बेहद गंभीरता से ले रही है। छात्राओं की ओर से जो रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है। उसकी जांच सभी एंगल से हो रही है। इस मामले में किसी भी दोषी व्यक्ति को बक्शा नहीं जाएगा।