दो जांबाज भाइयों ने पेट्रोल से भरी जलती हुई मालगाड़ी की आग बुझा कर बचाई सैकड़ों लोगों की जान-अलवर

अब तक की सबसे बड़ी खबर अलवर जंक्शन से अलवर निवासी दो जांबाज भाइयों ने किस तरह से पेट्रोल से भरी जलती हुई मालगाड़ी की आग बुझा कर बचाई सैकड़ों लोगों की जान और भयावह अग्नि दुर्घटना से स्टेशन को भी सुरक्षित बचा लिया। यह वाकया रविवार शाम करीब 6:15 बजे का है जब अलवर जंक्शन के तीसरे प्लेटफार्म पर पेट्रोल से भरी मालगाड़ी खड़ी हुई थी इसी दौरान प्लेटफार्म संख्या दो पर आश्रम एक्सप्रेस आकर रुकी इसमें से उतर कर एक व्यक्ति अचानक मालगाड़ी के वैगन पर चढ़कर दूसरी ओर जाने की कोशिश करने लगा कि इसके हाथ में पकड़े हुए बैग कि चेन की रगड़ से पेट्रोल से भरे उस मालगाड़ी के ऊपरी सिरे मैं आग लग गई देखते देखते आग धड़कने लगी और चारों तरफ हाहाकार सुनाई देने लगा ऐसे में भीषण हादसा होने में कुछ ही समय बचा था कि अलवर स्टेशन पर पिछले कई वर्षों से फूड प्लाजा रेस्टोरेंट के संचालक और कर्मचारियों ने भी यह दृश्य देखा यहां पर मौजूद राजेश जोशी जी के दोनों लड़के अरविंद उर्फ शिवा और रविंद्र उर्फ लखन भी कुछ क्षणों तक यह दृश्य देखने लगे लेकिन उन्होंने एक पल भी अब गवाना उचित नहीं समझा शिवा और लखन दोनों भाई यह आग बुझाने के लिए तत्काल मालगाड़ी की ओर दौड़ पड़े आप से हम देख सकते हैं शिवा के हाथों में अग्निशमन यंत्र फायर extinguisher शिवा ने आव देखा न ताव तुरंत ही यह अग्निशमन यंत्र चालू कर दिया और आग पर काबू पाने के लिए ऊपर चढ़कर यह आग में कूदने के ही समान था उनके पिता जोशी जी को भी एक बार लगा कि यह क्या कर रहे हैं लेकिन आप इन दोनों लड़कों की बहादुरी को इस वीडियो में देख सकते हैं कैसे इन लोगों ने पेट्रोल से भरी मालगाड़ी को आग के हवाले होने से बचाया और पूरा स्टेशन और रेलवे संपदा को सुरक्षित बचा लिया आखिर उस जलते हुए मालगाड़ी की वैगन को अलग कर दिया गया और आग पर काबू पाने के लिए सभी रेलवे अधिकारियों और वहां पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने राहत की सांस ली ऐसे दोनों अलवर के इन दोनों जांबाज भाइयों को मेरा सलाम साथ ही इनके पिता राजेश जोशी को भी सलाम जिन्होंने ऐसे बहादुर बेटों को इस जलती मालगाड़ी की आग बुझाने के लिए इनका हौसला बढ़ाया धन्य है ऐसे पिता धन्य है अलवर की धरती ! गौरतलब है कि जो व्यक्ति मालगाड़ी के डिब्बे से क्रॉस कर रहा था उसकी करंट से झुलस कर मौत हो गई जिसकी शिनाख्त गोविंदगढ़ निवासी नर्सिंग कर्मी मनीष कुमार के रूप में की गई है लेकिन इस हादसे के बाद आग पर जिस तरह से शिवा और उसके भाई ने काबू पाया वह काबिले तारीफ रहा।

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