Bharatpur : साधु विजय दास का शुक्रवार देर रात दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में निधन

Bharatpur : साधु विजय दास का शुक्रवार देर रात दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में निधन

भरतपुर। राजस्थान के भरतपुर में डीग के पसोपा गाँव मे आत्मदाह का प्रयास करने वाले साधु विजय दास का शुक्रवार देर रात दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में निधन हो गया। घायल साधु को गुरुवार को गंभीर अवस्था में नयी दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। पहाड़ी के उपखंड अधिकारी संजय गोयल नई दिल्ली में मौजूद है। प्राप्त जानकारी के अनुसार साधु विजय दास का शुक्रवार देर रात 2.30 बजे निधन हो गया पोस्टमार्टम के बाद विजय दास का पार्थिव शहर उत्तर प्रदेश के बरसाना ले जाया जाएगा जहां उनकी 16 साल की पोती को उनके अंतिम दर्शन करा उनका अंतिम संस्कार होगा। उल्लेखनीय है कि डीग क्षेत्र में खनन गतिविधियों को बंद करने की मांग को लेकर पसोपा में साधु-संतों का आंदोलन चल रहा था इस आंदोलन के बीच बुधवार को साधु विजय दास ने आत्मदाह का प्रयास किया था। विजय दास को गंभीर हालत में इलाज के लिए पहले भरतपुर के आरबीएम अस्पताल से जयपुर के एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां से उन्हें दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया था। संत विजयदास हरियाणा में फरीदाबाद के बडाला के निवासी थे। साधु बनने से पहले उनका नाम मधुसूदन शर्मा था। एक हादसे में उनके बेटे और बहु की मौत के बाद उनके परिवार में बाबा और पोती ही बचे थे लेकिन अब बाबा के निधन के बाद पोती अकेली रह गई है।

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बाबा विजय दास के शव का हुआ पोस्टमार्टम। सफदरजंग अस्पताल दिल्ली से बरसाना के लिए बाबा का शव हुआ रवाना। संत का बरसाना में किया जाएगा अंतिम संस्कार।

राजस्थान के भरतपुर में डीग के पसोपा गाँव मे
बुधवार को साधु विजय दास द्वारा आत्मदाह के प्रयास का वह कारुणिक दृश्य जब बाबा ने श्रीकृष्ण की क्रीड़ास्थली रहे पौराणिक महत्व के कनकांचल व आदिबद्री की पहाड़ियों को खनन माफियाओं से मुक्त कराने के लिए अपने आप को आग के हवाले कर दिया। साधु विजय दास का शुक्रवार देर रात दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में निधन हो गया। घायल साधु को गुरुवार को गंभीर अवस्था में नयी दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। प्राप्त जानकारी के अनुसार साधु विजय दास का शुक्रवार देर रात 2.30 बजे निधन हो गया पोस्टमार्टम के बाद विजय दास का पार्थिव शहर उत्तर प्रदेश के बरसाना ले जाया जाएगा जहां उनकी 16 साल की पोती को उनके अंतिम दर्शन करा उनका अंतिम संस्कार होगा। संत विजयदास हरियाणा में फरीदाबाद के बडाला के निवासी थे। साधु बनने से पहले उनका नाम मधुसूदन शर्मा था। एक हादसे में उनके बेटे और बहु की मौत के बाद उनके परिवार में बाबा और पोती ही बचे थे लेकिन अब बाबा के निधन के बाद पोती अकेली रह गई है।