प्राइमरी स्कूल को लेकर सरकार के आदेशों उडी धज्जिया

भरतपुर। राजस्थान में कोरोना वायरस की दूसरी लहर को देखते सरकार ने भले ही कक्षा एक से पांचवी तक की स्कूलों में क्लास लगाने पर रोक लगा दी हो लेकिन इस रोक का भरतपुर जिले में मंगलवार को कोई खास असर नजर नही आया। और तो और निजी स्कूल प्रबंधन फीस के फेर में बच्चों की परीक्षा कराने की तैयारी में जुटे हैं उन्होंने टाईम टेबल भी तैयार कर अभिभावकों को टाइम टेबल के साथ फीस जमा कराने की बात कहना भी शुरू कर दिया है

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जबकि 31 मार्च तक कक्षा संचालन पर रोक के साथ सरकार ने दो दिन पहले ही पांचवी तक के बच्चों को बिना परीक्षा ही क्रमोन्नत करने का फैसला सुनाया था। इस मामले में शिक्षा विभाग की कमजोर प्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। अभिभावकों में भी असमंजस व आक्रोश बढ़ता जा रहा है। पांचवी तक के बच्चों को बिना परीक्षा क्रमोन्नत करने के सरकारी आदेश को लेकर निजी स्कूल अब अलग तर्क दे रहे हैं। उनका कहना है कि वह आदेश सरकार ने केवल सरकारी स्कूलों के लिए ही जारी किए हैं।

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क्योंकि आदेश में स्माइल प्रोजेक्ट व आओ घर से सीखें प्रोजेक्ट के आकलन के अनुसार बच्चों को क्रमोन्नत करने का जिक्र है। जो निजी स्कूल में लागू नहीं होते हैं। दूसरी तरफ सरकारी आदेशों के खिलाफ पांचवी तक की कक्षाओं के जबरन संचालन को अभिभावकों ने गलत ठहराया है।