नहर में कूदकर दी अपनी जान

भरतपुर। पतनशील मूल्यों के इस दौर में लोगो की सहनशीलता इतने नाजुक मोड़ पर जा पहुची है कि बे अब मामूली सी बात पर भी अपनी जीवनलीला को समाप्त कर परिवार को बिचित्र स्थिति में डालने लगे है।

इसका एक लोमहर्षक उदाहरण शनिवार सुबह राजस्थान के भरतपुर में उस समय देखने को मिला जब बच्चो को बेहतर शिक्षा के लिए बाहर भेजने की बात से नाराज एक महिला ने शहर की सुजानगंगा नहर में कूदकर अपनी जान दे दी। शहर के एसटीसी हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी निवासी सीआरपीएफ के जबान नरेंद्र जाट ने बताया कि वह पहले वह छत्तीसगढ़ में था लेकिन पिछले दिनों उसका जयपुर ट्रांसफर हुआ है। उसके दो बच्चे हैं जिनमें से बड़ा बेटा लॉ की पढ़ाई कर रहा है जबकि दूसरा बेटा 12वीं क्लास में है। उसकी इच्छा थी कि बच्चे जयपुर में रहकर अपनी पढ़ाई करें इसलिए वह उनका दाखिला जयपुर के किसी अच्छे कॉलेज में कराना चाहता था जबकि उसकी पत्नी शशि इस बात पर राजी नहीं हो रही थी।

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बताया गया कि इस मामूली सी चर्चा के बाद बे अपने बीबी बच्चो के साथ रात को खाना खाकर सो गया लेकिन शनिवार सुबह करीब 4 बजे जब उसकी आंख खुली तो देखा शशि घर में नहीं है। हमने सोचा रोजाना की तरह घूमने चली गई होगी। जब वह 6 बजे तक घर वापस नहीं आई तो चिंता बढ़ गई। उसकी आसपास हर संभव स्थान पर तलाश की बाद में उसकी पत्नी 40 वर्षीया शशि उर्फ रिंकी की लाश कोतवाली थाना क्षेत्र में सुजानगंगा के मंशा देवी मंदिर के पास तैरती मिली। थाना कोतवाली के सहायक उपनिरीक्षक प्रमेश ने बताया कि शव को  पोस्ट मार्टम के बाद परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया।