एक ऐसी बुजुर्ग माँ की झकझोर देने बाली दर्दभरी कहानी – भरतपुर

पतनशील मूल्यों के इस दौर में तारतार होते रिश्तों के बीच राजस्थान के भरतपुर में एक ऐसी बुजुर्ग माँ की झकझोर देने बाली कहानी सामने आई है जिसमे उसके दो दो कमाऊ पूतो के साथ उनकी सर्विस क्लॉस पत्नियों के होते हुए भी दो बक्त की रोटियों के लिए माँ दर दर की ठोखरे खा रही है।

जी हाँ ये दर्दभरी कहानी है भरतपुर जिले के भुसावर थाना इलाके के हिसामड़ा गांव की रहने वाली 60 साल की महिला महादेई की। महिला के दो बेटे हैं, दोनों एयर फोर्स में हैं और दो बहुएं हैं जो सरकारी नौकरी करती हैं। इतना सब होने के बाद भी बेटे अपनी मां को दो वक्त की रोटी नहीं दे पा रहे। महादेई के पति धर्मवीर कि डेढ़ साल पहले गले में कैंसर की बीमारी के कारण मौत हो गई। बड़ा बेटा शेर सिंह एयरफोर्स में आगरा में तथा छोटा बेटा विश्वेन्द्र उधमपुर में तैनात है। शेर सिंह की पत्नी विनिता नर्स है जो धौलपुर में रहती है और विश्वेंद्र की पत्नी आरती टीचर है जो टोडाभीम में नौकरी करती है। महादेई कुछ दिन अपने बच्चों के पास भी गई लेकिन वह नौकरानी जैसा बर्ताव सहन न कर सकी तो अपने गांव लौट आई। महादेई ने संभागीय आयुक्त को अपनी पूरी व्यथा बताते न्याय की गुहार लगाई है।

यह भी पढ़ें :   Bharatpur : अवैध खनन को रोकने के लिए बाबा हरी बोल दास मोबाइल टावर पर चढ़े।

एक ऐसी बुजुर्ग माँ की झकझोर देने बाली दर्दभरी कहानी - भरतपुर