भृष्टाचार निरोधक व्यूरो के उपाधीक्षक परमेश्वर लाल यादव पर एक बार फिर मंडराने लगे है संकट के बादल

राजस्थान के भरतपुर में 14 साल के एक नावालिग किशोर के साथ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो संभाग भरतपुर के निलंबित सेशन जज जितेंद्र गुलिया द्वारा कथित कुकर्म के मामले में नामजद किये गए भृष्टाचार निरोधक व्यूरो के उपाधीक्षक परमेश्वर लाल यादव पर एक बार फिर मंडराने लगे है संकट के बादल। राजस्थान ही नही बल्कि उत्तर-भारत के इस हाईप्रोफाइल व सनसनीखेज मामले में यादव को मुलजिम बनाये जाने के लिए पोस्को कोर्ट में पेश किया गया है एक प्रार्थनापत्र। पीड़ित नावालिग किशोर पक्ष की तरफ से पेश इस प्रार्थनापत्र में मामले की जाँच के दौरान पुलिस की तरफ से यादव के नाम को निकाल दिए जाने का किया गया है विरोध औऱ उन्हें मामले में फिर से मुलजिम बनाये जाने का किया गया है अनुरोध। मामले को लेकर प्रार्थनापत्र पर आज अदालत में हुई बहस के दौरान पीड़ित पक्ष की तरफ से दी गई दलील कि एफआईआर में नामजद होने के साथ पीड़ित किशोर के सीआरपीसी की धारा161 व 164 के बयानों में भी यादव का हुआ है जिक्र तो फिर पुलिस ने किस आधार पर यादव का नाम हटा दिया आरोपियों की लिस्ट से। दोनों पक्ष की बहस सुनने के बाद अदालत 18 जनवरी को सुनाएगी अपना फैसला।