कला से बताया कि शुद्ध पर्यावरण ही जीवन को शाश्वत रखने का मुख्य आधार है लालसोट

कला से बताया कि शुद्ध पर्यावरण ही जीवन को शाश्वत रखने का मुख्य आधार है
लालसोट 28 फरवरी। लालसोट विधानसभा क्षेत्र के डीडवाना गांव में एक प्राकृतिक आर्टिस्ट नाथू लाल जांगिड़ जो अपनी कला से टूटी हुई पेड़ों कि लकड़ियों से खराब लकड़ियों से एक सुंदर आकृति तैयार करते हैं।
नाथू लाल जांगिड़ ने बताया कि कला में मेरी शुरुआत से रुचि रही है मैंने कला का अध्ययन नहीं किया है लेकिन फिर भी अपने अंर्तआत्मा को संतुष्ट करने के लिए मैं किसी भी प्रकार की टूटी फूटी लकड़ियों से एक सुंदर आकृति तैयार करता हँू। उन्होंने बताया कि जीवन में अध्ययन करने से ही कला उजागर नहीं होती है अगर हमने इच्छा है आत्मशक्ति है उस कला को दिखाने की तो हम बिना अध्ययन भी अपनी कला को दिखा सकते हैं मेरी हर एक आकृति में एक भाव होता है और हर एक आकृति का संदेश होता है। उन्होंने बताया कि प्रकृति से बड़ा कलाकार इस संसार में कोई नहीं है प्रकृति के इस विशाल खजाने में असंख्य कलाएं विद्यमान हैं। आवश्यकता उन्हेे खोजने की है। मैं अपनी इन कलाकृतियों के माध्यम से लोगों में प्रकृति के प्रति प्रेम जगाना चाहता हूँ एवं पेड़ पौधे की अनमोल धरोहर को नष्ट होने से बचाना चाहता हूँ। उन्होंने कहा कि शुद्ध पर्यावरण ही जीवन को शाश्वत रखने का मुख्य आधार है और मैं आने वाली युवा पीढ़ी को यह संदेश देना चाहता हूँ की प्राकृतिक वस्तुएं जीवन में काफी महत्वपूर्ण होती है। जांगिड़ ने कहा कि अधिक से अधिक संख्या में पेड़ लगाएं और प्रकृति को जिंदा रखें।