Dausa : मंत्री ममता भूपेश ने कार्यकर्ताओं से ट्रांसफर-पोस्टिंग की ऐवज में धंधा बंद करने को कहा।

Dausa : मंत्री ममता भूपेश ने कार्यकर्ताओं से ट्रांसफर-पोस्टिंग की ऐवज में धंधा बंद

करने को कहा।

महिला बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने इशारों में कार्यकर्ताओं पर पैसे लेकर ट्रांसफर-पोस्टिंग कराने का आरोप लगा दिया है। मंत्री बोलीं की गांव की एक महिला का फोन आया। कहा कि पति मास्टर है। ट्रांसफर के लिए 6 महीने से आपके कार्यकर्ता को पैसे दे रखे हैं। फिर भी काम नहीं हुआ। दरअसल सिकराय में शनिवार को कार्यकताओं को महिला एवं बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने खरी-खरी सुनाई और कहा कि कई कार्यकर्ता अपने रिश्तेदारों के ट्रांसफर करवाते हैं। 90 प्रतिशत उन कर्मचारियों से मैं खुद फोन पर बात करती हूं।

उनमें से कई की सच्चाई सामने आ चुकी है। यह गलत बात है। ममता भूपेश ने कहा कि खुले मंच पर सबसे कहना चाहती हूं, अगर मैंने ट्रांसफर-पोस्टिंग की एवज में किसी से पैसा लिया हो तो कोई साबित कर दे। यहां खाली कागज पड़े हुए हैं। अभी मंत्री और विधायक पद से इस्तीफा दे दूंगी। उन्होंने कहा कि ये कड़वी बात बोलूंगी तो बुरा लगेगा। लेकिन इंजेक्शन कड़वा लगेगा, तभी सही इलाज होगा। महिला बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने कार्यकर्ताओं से कहा कि यह धंधा बंद करो भैया, आप भी अपने आप को रोको।

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हममें ही कमियां नजर आती हैं तो आप लोगों की कमियां किससे कहेंगे। मैंने ट्रांसफर कराए, सब कर्मचारियों की लिस्ट बनाकर फोन करके पूछा। आप सब कार्यकर्ताओं को एक-एक करके जयपुर बुलाऊंगी तब जाकर सच्चाई सामने आएगी।महिला बाल विकास मंत्री ममता भूपेश ने कहा कि एक गांव के 5 कार्यकर्ता किसी ट्रांसफर कराने आते हैं। जबकि उसी गांव के कई कार्यकर्ता ट्रांसफर रुकवाने आ जाते हैं। इससे हमारे सामने निर्णय करने में गफलत पैदा हो जाती है। ये नीति भी आपको बंद करनी पड़ेगी।

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आपको एकजुटता के साथ रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो अधिकारी-कर्मचारी आपका कहना नहीं मानेगा, उसे हम एक मिनट भी यहां नहीं रखेंगे। कुछ कार्यकर्ता कहते हैं अधिकारी को हटाओ और कुछ कहते हैं रखो। इसके लिए भी आपको बिना गुटबाजी के एकजुट होना होगा।कार्यकर्ताओं को उलाहना देते हुए ममता भूपेश ने कहा सरकार जब ट्रांसफर खोलती है तो आप सबको पता चल जाता है और भागदौड़ शुरू कर देते हैं। सदस्यता अभियान की जानकारी के बावजूद आप में से किसी ने भी मुझसे चर्चा भी नहीं की। किसी कार्यकर्ता ने मुझे नहीं कहा कि 20 तारीख मेंबरशिप की लास्ट डेट है और हम लोग सदस्य बनाना चाहते हैं। ट्रांसफर खुलने की तो सबको याद रहती है। उन्होंने कहा मैं 5 साल पहले चुनाव हारी थी, लेकिन मैं न तो घर बैठी और न ही कार्यकर्ताओं को बैठने दिया। इसीलिए हम पिछली बार 34 हजार वोटों से जीते।