Ganganagar : हाईटेक होती नशे की सौदागरी, ड्रोन के माध्यम से होने लगी हेरोइन की सप्लाई।

Sri Ganganagar : हाईटेक होती नशे की सौदागरी, ड्रोन के माध्यम से होने लगी

हेरोइन की सप्लाई।

प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों में अब हेरोइन की सप्लाई ड्रोन के माध्यम से की जा रही है। हेरोइन सीमावर्ती इलाकों में पाकिस्तान से आ रही है। इसके लिए वह ड्रोन का  उपयोग हो रहा है । पिछले कुछ महीने से लगातार तस्करी बढ़ती जा रही है। पाकिस्तान की ओर से होने वाली नशे की तस्करी के तरीके भी बदल गए हैं। पहले जहां बॉर्डर पार से पाइप से हेरोइन सप्लाई की जाती थी वहीं अब ड्रोन के जरिए हेरोइन तस्करी की जा रही है। पिछले करीब ढाई महीने में ही श्रीगंगानगर से लगते पाकिस्तान बॉर्डर पर 70 करोड़ से अधिक की हेरोइन पकड़ी जा चुकी है। इन मामलों में तस्कर किसानों को ही निशाना बना रहे हैं। इतना ही नहीं सप्लाई के लिए भी अलग-अलग कोर्ड वर्ड दे रखे हैं। किसानों को चालाकी से तस्करी के इस खेल में शामिल करते हैं।
 उन्हें हर पैकेट के हिसाब से करीब एक लाख रुपए का भुगतान होता है। इसकी एवज में उन्हें अपने खेतों में तस्करी की हेरोइन के ये पैकेट रखने होते हैं। 14 अप्रैल को अनूपगढ़ के गांव बिंजौर में 20 करोड़ रुपए की चार किलो हेरोइन ,1 जून को श्रीकरणपुर के गांव 12 एफ ए में 25 करोड़ रुपए की 5 किलो हेरोइन, 7 जून को श्रीकरणपुर के गजसिंहपुर सैक्टर में 17 करोड़ रुपए की 3 किलो 640 ग्राम हेरोइनऔर 27 जून को श्रीकरणपुर के गांव दो एफ सी मुकन में 10 करोड़ रुपए की दो किलो हेरोइन पकड़ी गई । तस्कर भी अब हाईटेक हो गए हैं। तस्कर करीब दो साल पहले तक पाइप का उपयोग करते थे। पाकिस्तान के हेरोइन तस्कर सीमा के उस पार से चौड़ी पाइप हमारे इलाके में डालते और उसके जरिए हेरोइन यहां पहुंचा दी जाती थी। करीब ढाई से तीन साल पहले तक इलाके में ऐसे पाइप पकड़े गए थे, लेकिन अब लंबे समय से तस्करों ने ड्रोन का उपयोग करना शुरू कर दिया है। अब वे सीधे ड्रोन के जरिए इलाके में हेरोइन के पैकेट डालते हैं और यहां के किसानों से संपर्क साधते हैं। जिन ड्रोन से ये हेरोइन भारतीय बॉर्डर के इस पार फेंकी जा रही है वे केवल चार किलो तक वजन ले जा सकते हैं।
Ganganagar : हाईटेक होती नशे की सौदागरी, ड्रोन के माध्यम से होने लगी हेरोइन की सप्लाई।बॉर्डर से दूर होने पर तो इनका पता भी नहीं लगता है। बीएसएफ के सूत्रों के अनुसार नजदीक आने पर पंखा चलने जैसी हल्की आवाज आती है। इतनी कम आवाज में इसे रोक पाना संभव नहीं हो पाता। बीएसएफ जवान भी आम तौर पर सामने नजर रखता है लेकिन वह ऊपर कम नजर रख पाता है। जितनी देर में वह निशाना साधता है ड्रोन अपना काम करके पाकिस्तानी सीमा में लौट जाता है। साथ ही इन्हें तीन से चार किलोमीटर दूर से ऑपरेट किया जाता है। आमतौर पर पाकिस्तान की आर्मी पोस्ट के पीछे से ऐसे में पाकिस्तान की ओर भी तस्करी का पता नहीं लग पाता। इस सारे मामले में फलां दुकान के सामने, काला गुलाब और ऐसे ही कुछ शब्द उपयोग होते हैं जिनका तस्करी से कोई संबंध नहीं होता। निर्धारित शब्द बताने पर हेरोइन की डिलीवरी दी जाती है और आरोपी इसे लेकर पंजाब की ओर चले जाते हैं। एसपी आनंद शर्मा बताते हैं कि रुपए के लालच में किसान अपराध कर रहे हैं। सीमावर्ती इलाके के किसानों को लालच देकर उनके खेत में पैकेट डाले जा रहे हैं। इन पैकेट की एवज में उन्हें प्रति पैकेट एक लाख रुपए दिए जाते हैं।