नरेगा में घोर भ्रटाचार,ग्राम पंचायत मोरडा-बालघाट

ग्राम पंचायत मोरडा में नरेगा में अनियमितता का मामला सामने आया बालघाट समीप ग्राम पंचायत में नरेगा में वाटर शेड के दो कार्यो पर चल रही मस्टरोल में श्रमिक कार्य स्थल पर नही आते है। और मस्टरोल में हाजरी भर दी जाती है। दोनो कार्य स्थलों पर जाकर देखा तो एक भी श्रमिक नही मिला। जबकी सीसीटी 2 कार्य पर 40 श्रमिक व सीसीटी 3 पर 45 श्रमिक पंजीक्रत है। ग्रामीणों ने बताया कि कार्मिकों की मिलिभगत से चल रहे खेल में श्रमिकों से साढ गाढ कर आधी मजदूरी का लोभ देकर जांब कार्ड लेकर मस्टरोल में नाम लिख दिए जाते है। भुगतान होने पर आधा आधा बांट लेते है।
जेसीबी से कराई खुदाई
ग्रामीणों ने बताया कि कार्यस्थल पर जसीबी से रात में चैकडी खुदाई करा दी गई। मौके पर जेसीबी की खुदाई स्पष्ट दिखाई दे रही है।
मृतक व जयपुर दिल्ली में रहने वालों के नाम मस्टरोल में
गांव से बाहर रहने वाले के नाम मस्टराले में फर्जीवाडे को स्पष्ट बयां कर रहे है। वाटर शेड कार्यो पर चल रही मस्टराले में ऐसे एक दर्जन लोगों के नाम है जो गांव से बहार अन्य जगहों पर मजदूरी करते है। वहीं एक महिला इंदो की कई बर्ष पहले मौत हो गई। लेकिन मस्टरोल में उसका नाम चलाया जा रहा है।
ग्राम विकास अधिकारी के बिना जारी हुई मस्टरोल
नरेगा कार्य की मस्टरोल ग्राम विकास अधिकारी जारी करवाता है लेकिन यहां चल रही मस्टरोल का ग्राम विकास अधिकारी को पता ही नही है। गा्रम विकास अधिकारी देवी शंकर गुप्ता ने बताया कि मेने कोई मस्टरोल जारी नही करवाई है। वाटर शेड के कार्या पर मस्टरोल जारी करने के लिए ग्राम रोजगार सहायक ने कहा था लेकिन मेने मना कर दिया। इसके बाद भी मस्टरोल जारी हुई है तो जांच करवाएगें।
वाटर शेड कार्याे के जेईएन रवि कुमार ने बताया कि कार्य पर मस्टरोल 18 मार्च से शुरू हुई है मे तब से ही छुटटी पर चल रहा हू।