किसान अपनी फसल को सर्दी से बचाऐ-करौली

किसान अपनी फसल को सर्दी से बचाऐ
करौली, 5 जनवरी। उपनिदेशक कृषि आरएल जाट ने बताया कि शीतलहर एवं पाले से सर्दी के मौसम से सभी फसलों को कम व ज्यादा नुकसान होता है सरसो, चना व जीरा आदि फसलों मंे सबसे ज्यादा 80 से 90 प्रतिशत जबकि गेहूं और जौ में 10 से 20 प्रतिशत नुकसान होता है। उन्होने बताया है कि किसानों को पाले से प्रभाव से पौधे की पत्तियां एवं फूल झुलसे दिखाई देते है एवं झड जाते है यहा तक कि अर्द्ध पके फल सिकुड जाते है उनमंे झुर्रिया पड जाती है फल गिर जाते है फलियांे एवं बालियों मे दाने नही बनते एवं बन रहे है तो दाने सिकुड जाते है जिससे उपज मे भारी कमी होती है यह पाले के प्रभाव के लक्षण है। उन्होने बताया कि पाले बढने की संभावना का पूर्वानुमान सर्दी के दिनों मंे जिस दिन दोपहर से पहले ठंडी हवा चलती रहे एवं हवा का तापमान जमाव विन्दु से नीचे गिर जाये दोपहर बाद अचानक हवा चलना बंद हो जाये या आसमान साफ रहे या उस दिन आधी रात के बाद से हवा रूक जावें तो पाला पडने की संभावना अधिक रहती है।
सर्द हवाओं से सुरक्षा के उपायः-
उन्होने बताया कि जिस रात पाला पडने की संभावना हो उस रात 12 बजे से 2 बजे के आस पास खेत की उत्तरी पश्चिम दिशा में खेत के मेड पर कूडा या व्यर्थ घास फूस जलाकर धुआं करना चाहिये जिससे वातावरण में गर्मी आये। पाला पडने की संभावना हो तब खेत में सिचांई करें वैज्ञानिकों के अनुसार सर्दी में फसलांे मंे सिचांई करने से 0.5 से 2 डिग्री तक तापमान बढ जाता है फसलों पर गंधक के तेजाब के 0.1 प्रतिशत( 1 लीटर गंधक के तेजाब को 1000 लीटर पानी में घोलना) का छिडकाब करने से शीतलहर एवं पाले से फसलों की सुरक्षा की जा सकती है।