जिला कलेक्टर ने लिया बागडी हॉस्पीटल मे ‘‘ड्राय रन’’ का जायजा-करौली

कोविड-19 वैक्सीनेशन पर हुआ ‘‘ ड्राय रन ’’
जिला कलेक्टर ने लिया बागडी हॉस्पीटल मे ं‘‘ड्राय रन’’ का जायजा , प्रशिक्षण व प्रबंधन से हुऐ रूबरू
करौली, 8 जनवरी। कोविड-19 वैक्सीनेशन गतिविधियो का जिले में तीन स्थानों पर ‘‘ड्राय रन’’ किया गया, जिला कलेक्टर सिद्धार्थ सिहाग बागडी हॉस्पीटल पहंुचे और ‘‘ड्राय रन’’ का अवलोकन कर संबंधित प्रशिक्षण, प्रबंधन, वितरण और भंडारण स्थिति से रूबरू हुऐ गौरतलब है कि प्रदेश में सभी जिलों में एक साथ किये गये ‘‘ड्राय रन’’ उद्देश्य वैक्सीनेशन डेमो को परख कर सुव्यस्थित और सुरक्षित बनाना है।
सीएमएचओ डॉ. दिनेशचंद मीना ने बताया कि विभाग द्वारा पहले में राज्य सरकार के निर्देशानुसार ‘‘ड्राय रन’’ कर बेहतर प्रशिक्षण, प्रबंधन और तैयारियों को परखा जा चुका है लेकिन सभी जिलों में आज वैक्सीनेशन पर किये जा रहे ‘‘ड्राय रन’’ के तहत उप जिला अस्पताल हिंडौन, सीएचसी कुडगांव व प्राईवेट हॉस्पीटल बागडी में किया गया, जहां एसडीएच हिंडौन में डॉ. सतीश चंद मीना, सीएचसी कुडगांव में बीसीएमओ सपोटरा डॉ. विजयसिंह मीना एवं बागडी में आरसीएचओ डॉ. जयंतीलाल मीना ने व्यवस्थाऐं देखी।
डॉ. मीना ने बताया कि सभी जगह आयोजित ‘‘ड्राय रन’’ के लिए 25-25 लाभार्थीयों का कोविन सॉफ्टवेयर में डाटा इंद्राज किया गया एवं उन्हें वैक्सीनेशन हेतू टीकाकरण स्थान पर आने के संदेश भेजकर लाया गया। लाभार्थी जैसे ही टीकाकरण के लिए प्रवेश द्वार पर पहुंचा गार्ड द्वारा प्रेषित संदेश को जांच कर अंदर प्रवेश दिया, जहां सुविधाओं हेतू प्रदर्शित संकेतो द्वारा कोरोना गाईड लाईन की पालनानुसार हाथों को सैनेटाईजर कराते हुए मोबाईजर तक लाभार्थी पहुंचेगा, मोबलाईजर द्वारा लाभार्थी को प्रतीक्षाकक्ष की ओर भेजा जाएगा, प्रतीक्षाकक्ष द्वार पर सपोर्ट स्टाफ द्वारा बारी के इंतजार में उसे प्रतिक्षाक़क्ष में रखा जायेगा, जहां कोरोना से बचाव एवं सर्तकता संदेशो को प्रदर्शित बैनर, पोस्टर एवं ओडियो संदेशो को प्रतिक्षारतों तक पहुंचाया जायेगा। प्रतिक्षारतों को आगे टीकाकरण कक्ष में भेजा जायेगा, जहां वैरिफायर द्वारा मोबाईल ओटीपी एवं आईडी द्वारा टीकाकरण डाटा अपलोड कर लाभार्थी को टीकाकर्मी के पास भेजा जायेगा। जहां टीकाकर्मी हाथ सेनेटाईजर पश्चात लाभार्थी को कोविड-19 का टीका लगाकर निगरानी कक्ष में 30 मिनट तक प्रतिकूल प्रभाव प्रबंधन हेतू प्रेरित करेगा। लाभार्थी निगरानी कक्ष में जाकर बैठेगा, जहां निगरानीकर्ता द्वारा प्रतिकूल प्रभाव की स्थितियों की 30 मिनट तक जांच कर निकास द्वार से भेज दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि प्रतिकूल प्रभाव से बचाव हेतू एईएफआई बनाई गई है।