Kota : भरत सिंह ने पूर्व विधायक को बताया “हीरा” पूर्व विधायक बोले भरत सिंह बने धृतराष्ट्र।

कोटा जिले के सांगोद विधानसभा में कांग्रेस एमएलए भरत सिंह और भाजपा के पूर्व विधायक हीरालाल नागर के बीच पत्र वार चल रहा है। दोनों ने एक-दूसरे पर जनता को लिखे पत्र के जरिए हमला बोला। यह दोनों ही पत्र सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे हैं। मसला लहसुन खरीद से जुड़ा हुआ है। अपने पत्र में भरत सिंह ने पूर्व विधायक को “हीरा” बता दिया। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के साथ मिलकर किसानों का लहसुन खरीदने की सलाह भी दी। इसके जवाब में पूर्व विधायक नागर ने भी भरत सिंह को मंत्री नहीं बनाने के कारण अपनी सरकार के खिलाफ फड़फड़ाने की बात लिख दी।
साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मांग कर दी है कि एक नया मंत्रालय बनाकर सांगोद विधायक भरत सिंह को चिट्ठी मंत्री के पद पर सुशोभित करना चाहिए, ताकि उनकी मन की पीड़ा को राहत मिले। बता दें, कि विधायक भरत सिंह अपनी हर मांग मुख्यमंत्री या अधिकारियों से पत्र के जरिए ही करते हैं। इसके अलावा विधानसभा क्षेत्र की जनता और अपने से जुड़े लोगों को भी पत्र के जरिए ही कई बार संबोधित करते हैं। इन्हीं पत्रों के जरिए वे नेताओं और अधिकारियों पर भी हमला करते हैं। इधर सांगोद के पूर्व विधायक हीरालाल नागर ने हाल ही में सरकार के लहसुन नहीं खरीदने पर हमला बोला था। उन्होंने बयान दिया था कि सांगोद विधायक भरत सिंह को इस मसले पर राज्य सरकार को पत्र लिखना चाहिए। यह बात सांगोद विधायक भरत सिंह को नागवार गुजरी और उन्होंने 25 जुलाई को पत्र आम जनता के नाम लिख दिया। उन्होंने लोकसभा स्पीकर ओम बिरला और पूर्व विधायक नागर पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि स्पीकर बिरला ने लहसुन खरीद के मामले में बड़े बोल बोले हैं। उन्होंने कहावत लिखते हुए बताया कि हाथी के पांव में ही सब का पैर होता है, ऐसे में मेरा बोलना अब मायने नहीं रखता है। उन्होंने लिखा था कि पूर्व विधायक नागर और लोकसभा स्पीकर बिरला के पास इतना धन है कि सरकार की जगह दोनों मिलकर ही किसानों का पूरा लहसुन खरीद सकते हैं। इसे केबल नगर फैक्ट्री में भर सकते हैं। इससे किसान और आप दोनों का भला होगा। इसके जवाब में पूर्व विधायक नागर ने भी आम जनता को 25 जुलाई को ही पत्र लिखा है। जिसमें उन्होंने विधायक भरत सिंह को भी संबोधित किया है। इसमें बताया कि सांगोद के विधायक भरत सिंह का पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जिसमें मुझे और लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को लहसुन खरीद कर लेने का सुझाव दिया है। उन्होंने विधायक भरत सिंह पर हमला करते हुए लिखा कि वर्तमान कांग्रेस सरकार के नेता व अधिकारी कोई महत्व विधायक सांगोद भरत सिंह को नहीं दे रहे हैं। जिसके कारण वे बौखला गए हैं। विकास और जनहित के मुद्दों पर काम नहीं कर सरकार व देश के सम्मानित लोकसभा अध्यक्ष की गरिमा पर प्रहार औछी भाषा शैली से जनता के जनमत को नीचा दिखाने का प्रयास कर रहे हैं। साथ ही लिखा है कि विधायक पानाहेड़ा के विचित्र प्रेम में इतने अंधे हो गए हैं कि उसके गलत काम भी नजर नहीं आ रहे हैं। हाल ही में भरत सिंह ने खनन मंत्री प्रमोद जैन भाया को प्रदेश का सबसे बड़ा माफिया बताया था। इस मामले में उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लिखे पत्र में कहा था कि “कांख में छोरा और गांव में ढिंढोरा” जैसी कहावत प्रमोद जैन भाया मामले में हो रही है। इसी कहावत से पूर्व विधायक नागर ने भी भरत सिंह के लिए कहा कि यह कहावत आप पर ही सटीक बैठती है। क्योंकि सबसे बड़ा जिले का खनन माफिया सांगोद का ब्लॉक अध्यक्ष कुशलपाल सिंह पानाहेड़ा है। जिसकी ग्राम पंचायत मामोर में बजरी के अवैध खनन के काम करते हुए बीते साल एक मजदूर की मौत हो गई थी, लेकिन आपके धृतराष्ट्र का रूप धारण किया हुआ है। पूर्व विधायक हीरालाल नागर ने भरत सिंह पर हाड़ौती की कहावत है कि “बरजी भट्टा खाव ओरा न परहेज” के जरिए भी हमला बोला है। जिसमें बताया है कि विधायक भरत सिंह की छत्रछाया में ही ब्लॉक अध्यक्ष कुशलपाल पानाहेड़ा अवैध शराब माफियाओं से मिलकर विधानसभा की भोली-भाली जनता को गर्त में झोंकने का काम बीते कई सालों से कर रहा है। आबकारी के कर्मचारियों में खौफ है, वे कोई कार्रवाई करते हैं तो उनका तबादला पूर्व जिला आबकारी अधिकारी शंभू दयाल मीणा की तरह डूंगरपुर किया जाता है। सांगोद विधानसभा में रिकॉर्ड तोड़ भ्रष्टाचार है। जिसके कारण सांगोद विधानसभा की जनता अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रही है। सांगोद विधानसभा में लगे अधिकारियों व कर्मचारियों के भ्रष्टाचार के मामले सभी के सामने उजागर हैं, ये आए दिन एसीबी में ट्रेप हो रहे हैं।