आरपीएफ आईजी ने किया घटनास्थल का निरीक्षण, बढ़ते क्राइम पर जताई नाराजगी

आरपीएफ आईजी ने किया घटनास्थल का निरीक्षण, बढ़ते क्राइम पर जताई नाराजगी
कोटा। बिजली के तार चोरी के मामले में पश्चिम-मध्य रेलवे के प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त (आईजी) प्रदीप कुमार गुप्ता शनिवार को कोटा पहुंचे। कोटा से गुप्ता सीधे रामगंजमंडी रवाना हो गए। यहां गुप्ता ने बिजली तार चोरी के घटनास्थल का निरीक्षण किया। करीब दो घंटे निरीक्षण के दौरान मामले की जानकारी लेकर गुप्ता ने आरोपियों की तुरंत गिरफ्तारी के आदेश दिए। रामगंजमंडी से लौटने के बाद गुप्ता ने डीआरएम पंकज शर्मा से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद गुप्ता ने क्राइम बैठक ली। बैठक में गुप्ता ने बढ़ते क्राइम पर नाराजगी जताते हुए व्यवस्था में सुधार के निर्देश दिए। साथ ही कोरना काल में यात्रियों की विशेष मदद के लिए भी निर्देशित किया। इसके बाद गुप्ता आरपीएफ पोस्ट का निरीक्षण कर दयोदय ट्रेन से जबलपुर के लिए रवाना हो गए। बैठक में कोटा मंडल के सभी पोस्ट प्रभारी और अन्य निरीक्षक शामिल थे।
यह है मामला
उल्लेखनीय है कि गुरुवार रात अज्ञात चोर नए बने झालरापाटन और जूनाखेड़ा स्टेशनों के बीच करीब एक किलोमीटर क्षेत्र से बिजली के तार (ओएचई) काट ले गए। चोरी गए इन तारों का मूल्य करीब 10 लाख रुपए आंका गया है। एफआईआर दर्ज कर रामगंजमंडी आरपीएफ मामले की जांच कर रही है।
किसी जानकार का काम
मामले में खास बात यह है कि चोरी के समय बिजली के तारों में 25 हजार वोल्ट का करंट था। चोरों ने पहले बिजली सप्लाई बंद कर तारों को काटा। उल्लेखनीय है कि तारों में बिजली सप्लाई बंद होते ही मामले की सूचना तुरंत कोटा कंट्रोल को मिल जाती है। लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं हुआ। चोरी का पता दूसरे दिन सुबह गांव वालों से चला।
इससे यह बात साबित हो रही है कि कि चोर पूरे मामले से वाकिफ थे। इसके चलते चोरों ने बड़ी सफाई से घटना को अंजाम दिया। चोरों द्वारा तकनीकी ज्ञान का इस्तेमाल करने के कारण घटना की सूचना तुरंत नहीं मिल सकी। ऐसे में इस मामले में किसी रेलवे कर्मचारी के मिले होने या तकनीकी ज्ञान उपलब्ध कराने की आशंका भी व्यक्त की जा रही है।