पर्यावरण संरक्षण में बायोप्लास्टिक का उपयोग आवश्यक कोटा

राजकीय महाविद्यालय में वेबीनार का हुआ आयोजन
पर्यावरण संरक्षण में बायोप्लास्टिक का उपयोग आवश्यक
कोटा 5 जनवरी। राजकीय महाविद्यालय के रसायन शास्त्र विभाग में “बायोप्लास्टिक: ए ग्रेट ग्रीन सोल्यूशन टू एन्वायरमेन्टल पॉल्यूशन” विषय पर गूगल-मीट के माध्यम से विद्यार्थियों के लिए वेबीनार का आयोजन किया गया।
प्राचार्य डॉ. जयन्त कुमार विजयवर्गीय ने कहा कि आयुक्तालय के मार्गदर्शन में कोरोना काल में विद्यार्थियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुये वेबीनार जैसे कार्यक्रमों का आयोजन करवाया जा रहा है, जो बेहद उपयोगी एवं प्रासंगिक है। बायोप्लास्टिक: ए ग्रेट ग्रीन सोल्यूशन टू एन्वायरमेन्टल पॉल्यूशन एक ऐसा विषय है जिसकी जानकारी हमारे दैनिक जीवन में प्लास्टिक के उपयोग से होने वाले पर्यावरण प्रदूषण को कम करने में उपयोगी होगी।
वेबीनार में कॉलेज शिक्षा संभाग सहायक निदेशक डॉ. संजय भार्गव ने बताया कि बायोप्लास्टिक बायोडिग्रेडेबल पदार्थ है जो कि प्लास्टिक से होने वाले प्रदूषण को कम करता है। एआईफुक्टो के जोनल सेक्रेटरी डॉ. रघुराज परिहार ने प्लास्टिक एवं बायोप्लास्टिक में अन्तर बताते हुये कहा कि बायोप्लास्टिक से प्रदूषण कम होता है। जिसका उपयोग अधिक से अधिक करना चाहिए। वेबीनार की मुख्य वक्ता डॉ. दीप्ती गोयल ने बताया कि पर्यावरण बहुत सुन्दर है, लेकिन मानव क्रियाकलापांे कि वजह से अपशिष्ट पदार्थ दिनों-दिन बढ़ते जा रहे है, जिससे पर्यावरण प्रदूषित होता जा रहा है। उन्होंने बढ़ते प्लास्टिक उपयोग एवं उसके दुष्प्रभावों के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुये बताया कि बायोप्लास्टिक का उपयोग पर्यावरण को दूषित होने से बचाने के लिये आवश्यक है। डॉ. मोनिका दक्षिणी ने बताया कि यह स्वयं, प्रोफेशनल तथा शोध विकास के लिये इस तरह की वेबीनार का आयोजन आवश्यक है।